Bihar Election: तेजस्वी यादव ने बुधवार को कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने जीविका दीदी के वेतन बीमा को लेकर बड़े-बड़े वादे किए। साथ ही संविदकर्मियों के लिए भी उन्होंने वादे किए। तेजस्वी के इस ऐलान के बाद एनडीए नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। एक के बाद एक नेताओं ने तेजस्वी पर वार किया है।
Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार-प्रसार के दौर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बड़े वादे किए। उन्होंने ये वादे महागठबंधन की सरकार बनने पर महिलाओं और संविदा कर्मियों के लिए किए। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य की जीविका दीदियों को सरकारी दर्जा दिया जाएगा और उनका मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा।
तेजस्वी ने आगे कहा कि जीविका दीदियों के लोन का ब्याज माफ किया जाएगा और उन्हें ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य सरकारी कार्यों के लिए प्रतिमाह 2,000 भत्ता, सभी कैडरों के लिए 5 लाख तक का बीमा, तथा समूह अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने ‘माई बहन मान योजना’ के तहत प्रतिमाह 2,500, सालाना 30,000 और 5 साल में डेढ़ लाख रुपये का प्रावधान करने की बात कही।
तेजस्वी यादव ने बेटी योजना और माँ योजना का भी ऐलान किया। उन्होंने बताया कि जब से बेटियां पैदा होंगी, उनके लिए आमदनी, मकान और अन्न की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही संविदा कर्मियों को स्थाई और सरकारी दर्जा दिया जाएगा। तेजस्वी का दावा है कि संविदा कर्मियों के साथ पिछले सालों में शोषण होता रहा है, उन्हें बिना कारण नौकरी से निकाला जाता रहा और उनका वेतन कटता रहा।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि उनका गठबंधन बिखरा हुआ है और गठबंधन के घटक दलों के बीच अभी भी सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के ऐलान में उलझन है। उन्होंने दावा किया कि 14 नवंबर के बाद बिहार में सिर्फ NDA की सरकार बनने वाली है।
चिराग ने कहा, 'मेरी समझ से परे है कि वे लोग किस तरह की दुनिया में जी रहे हैं। आज जब दूसरे चरण का नामांकन तक हो चुका है तब इस तरह की बातें करके यह लोग अपने बिखरे हुए गठबंधन पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। भारत के राजनीतिक इतिहास में हमने आज तक ऐसा गठबंधन नहीं देखा। अभी तक नहीं पता कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। घटक दल एक साथ बैठे नहीं, राहुल गांधी कहां हैं?'
चिराग पासवान ने सवाल करते हुए पूछा, "क्या तेजस्वी यादव या राहुल गांधी की नैतिक जिम्मेदारी नहीं थी कि वे एक साथ बैठें और गठबंधन में जितनी भी उलझने हैं उन्हें सुलझाने का प्रयास करें। यह दिखाता है कि शायद कांग्रेस बिहार के चुनाव को लड़ने को लेकर गंभीर ही नहीं है। हकीकत है कि 14 नवंबर के बाद बिहार में सिर्फ और सिर्फ NDA की सरकार बनने जा रही है। बिहार की जनता इस बार पूरी तरह से समझ चुकी है कि जो लोग गठबंधन के घटक दलों को एक साथ नहीं रख सकते वे लोग बिहार की जनता को एक साथ नहीं रख पाएंगे।"
तेजस्वी यादव के ऐलान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राजद सिर्फ चुनावी वादे करता है, वास्तविकता में जनता को भूल जाता है। उन्होंने तेजस्वी पर आरोप लगाया कि उनका परिवार 15 साल सत्ता में रहा, लेकिन जनता को रोजगार और विकास नहीं मिला। सम्राट ने कहा, "पहले 2 करोड़ 70 लाख लोगों को नौकरी देने की बात करते थे, अब जीविका दीदियों की। जनता अब जागरूक है और इनकी बातों में नहीं आने वाली।"
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि तेजस्वी यादव जो भी घोषणाएं कर रहे हैं, उनमें कोई दम नहीं है। उनका कहना था कि जीविका दीदियों की खुशहाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वजह से आई है, न कि राजद के वादों से।
भाजपा के मंत्री और बांकीपुर से उम्मीदवार नितिन नबीन ने कहा कि महिलाओं के समूह और उनका सशक्तिकरण नीतीश सरकार की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या लालू परिवार ने 15 साल में महिलाओं के लिए ऐसा कोई समूह बनाया?
नितिन नबीन ने कहा, 'पिछले 1 हफ्ते से तेजस्वी यादव सोए हुए थे। जनता ने तो उन्हें कभी गंभीरता से नहीं लिया और पार्टी के लोग भी नहीं लेंगे। जीविका बहनों का यह समूह एक दिन में नहीं बना। इसे बनाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने लगातार प्रयास किया। आपके समय में महिलाएं घरों से निकलने में डरती थीं। आज अगर महिलाएं घर से बाहर निकल कर व्यवसाय कर रही हैं तो यह नीतीश कुमार की सरकार की देन है।'