पटना

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की चिराग पासवान ने बढ़ाई सिरदर्दी, बात नहीं बनी तो ये हैं 4 ऑप्शन

एनडीए में बीजेपी और जदयू दोनों ही 100 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी करेंगे।

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Aug 27, 2025
चिराग पासवान। (फोटो सोर्स : एक्स चिराग)

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनती दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक जदयू को गठबंधन का 'बड़ा भाई' मानते हुए बीजेपी उसे ज्यादा सीटें देगी। हालांकि चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने 40 सीटों की मांग कर सबको असमंजस में डाल दिया है।

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नीतीश 20 से ज्यादा सीट नहीं देंगे चिराग को

एनडीए में बीजेपी और जदयू दोनों ही 100 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी करेंगे, लेकिन जदयू को बढ़त दी जाएगी ताकि नीतीश कुमार की नेतृत्व करने की भूमिका बरकरार रहे। वहीं, चिराग पासवान की मांग ने इस समीकरण को पेचीदा बना दिया है। जदयू उन्हें 20 से ज्यादा सीट देने के पक्ष में नहीं है। बीजेपी का मानना है कि पासवान का दबाव उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए है, लेकिन जदयू किसी भी कीमत पर उन्हें बड़ा हिस्सा देने को तैयार नहीं।

चिराग के पास हैं 4 ऑप्शन

अगर चिराग पासवान को 40 सीटें नहीं मिलतीं तो उनके पास कई विकल्प हैं :

1; चिराग समझौता कर कम सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। इससे एनडीए एकजुट रहेगा लेकिन उनके समर्थकों में असंतोष रहेगा।
2; दूसरा विकल्प यह है कि वे अकेले चुनाव मैदान में उतरें। 2020 में उन्होंने ऐसा कर जदयू को भारी नुकसान पहुंचाया था।
3; तीसरा रास्ता यह है कि वे राजद या महागठबंधन के साथ किसी तरह का तालमेल कर लें, जिससे एनडीए को सीधा झटका लगे।
4; वे गठबंधन में रहते हुए कुछ सीटों पर विद्रोही उम्मीदवार उतार दें और परोक्ष रूप से जदयू को नुकसान पहुंचाएं।

30 से ज्यादा सीटों पर पासवान का असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान अगर ज्यादा सीटों पर अड़े रहे और अलग राह चुन ली तो एनडीए के वोट बैंक में दरार पड़ सकती है। पासवान वोटों का असर बिहार की 30 से अधिक सीटों पर निर्णायक माना जाता है। यही वजह है कि बीजेपी उन्हें साथ रखने के पक्ष में है, जबकि जदयू उनकी बढ़ती मांगों से असहज है। अगर इस पेच को सुलझा लिया गया तो गठबंधन मजबूत दिखेगा, लेकिन समझौता न होने की स्थिति में यह चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकता है।

सितंबर अंत में हो सकता है चुनाव तारीखों का ऐलान

उधर, चुनाव आयोग सितंबर के अंत तक चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव दो से तीन चरणों में होंगे और दिवाली-छठ पर्व के बीच कराए जाने की संभावना है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है।

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