Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटी भाजपा ने धर्मेंद्र प्रधान को मुख्य प्रभारी नियुक्त कर मौर्य और पाटिल को सह-प्रभारी बनाया है। यह टीम न केवल चुनावी रणनीति बनाएगी बल्कि एनडीए सहयोगियों के साथ समन्वय भी करेगी।
Bihar Election 2025: भाजपा ने बनाई मास्टर टीम, धर्मेंद्र प्रधान मुख्य प्रभारी, मौर्य और पाटिल को बड़ी जिम्मेदारीबिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को धार देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी रणनीतिक टीम का ऐलान कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह के हस्ताक्षर से जारी आदेश में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार चुनाव का मुख्य प्रभारी बनाया गया है। वहीं, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सह प्रभारी की अहम जिम्मेदारी दी गई है।
धर्मेंद्र प्रधान संगठनात्मक कामकाज और चुनावी रणनीति बनाने में पार्टी के सबसे भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। वे 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी प्रभारी रह चुके हैं और उस समय भाजपा ने रिकॉर्ड सीटें हासिल की थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का उन पर गहरा भरोसा है। यही वजह है कि एक बार फिर चुनावी कमान उनके हाथों में दी गई है।
भाजपा ने इस बार प्रभारी टीम में दो खास चेहरों को जोड़ा है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, जिनकी पकड़ पिछड़ा वर्ग (OBC) में काफी मजबूत मानी जाती है। बिहार की राजनीति में ओबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में मौर्य की तैनाती को भाजपा का बड़ा दांव माना जा रहा है।
वहीं, गुजरात से ताल्लुक रखने वाले सीआर पाटिल पार्टी संगठन और चुनावी प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं। उन्हें भाजपा का ‘मैनेजमेंट मास्टर’ कहा जाता है। उनके शामिल होने से माना जा रहा है कि भाजपा चुनाव प्रचार से लेकर उम्मीदवार चयन और बूथ प्रबंधन तक, हर स्तर पर ज्यादा संगठित ढंग से मैदान में उतरेगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह टीम न केवल भाजपा की चुनावी रणनीति तय करेगी, बल्कि एनडीए के सहयोगी दलों, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास) और अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल भी बनाएगी। सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की सूची जारी करने से पहले यही टीम अंतिम रणनीति तैयार करेगी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 2025 का चुनाव भाजपा और महागठबंधन दोनों के लिए बेहद अहम है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ गठबंधन में भाजपा सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी- कांग्रेस महागठबंधन अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा है। भाजपा ने धर्मेंद्र प्रधान, मौर्य और पाटिल की तिकड़ी को उतारकर यह साफ कर दिया है कि वह पूरे दमखम के साथ मैदान में है।
रणनीतिक टीम के ऐलान के बाद अब सबकी नजरें एनडीए के अंदर सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की पहली सूची पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत तक भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।