Bihar politics: MP-MLA फंड में कमीशन को लेकर जीतन राम मांझी के बयान पर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच, बिहार के उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि मांझी जी का बयान मीडिया के लिए मिर्च मासाला का काम करती है। उन्होंने आगे कहा कि जब वह मांझी से मिलेंगे, तो उनसे 5% कमीशन के पीछे का राज पूछेंगे।
Bihar Politics: सांसद-विधायक फंड और कमीशन को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बयान से मचे सियासी बवाल पर अब नीतीश सरकार के मंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार के उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने मांझी के बयान को उनका व्यक्तिगत अनुभव बताते हुए कहा कि जब उनसे मुलाकात होगी तो वे खुद 5 प्रतिशत कमीशन के पीछे का राज भी पूछेंगे।
दिलीप जायसवाल ने साफ तौर पर कहा कि मांझी के बयान को जरूरत से ज्यादा तूल दिया जा रहा है और मीडिया को इससे सिर्फ मिर्च-मसाला मिल रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बयान से NDA में किसी तरह का मतभेद नहीं है।
मीडिया से बातचीत में दिलीप जायसवाल ने कहा, “जीतन राम मांझी जी जो कह रहे हैं, वह उनका व्यक्तिगत अनुभव हो सकता है। जब उनसे मुलाकात होगी, तो मैं उनसे जरूर पूछूंगा कि आखिर यह 5% कमीशन का राज क्या है।” उन्होंने आगे कहा कि मांझी के बयानों से अक्सर सुर्खियां बनती हैं, लेकिन इसके पीछे कोई नकारात्मक भावना नहीं होती। उनके बयान से मीडिया को थोड़ा मिर्च-मसाला मिल जाता है, बस इतना ही। उनके दिल में इसके अलावा कुछ नहीं रहता।
उद्योग मंत्री ने राज्यसभा सीट को लेकर मांझी के बयान पर कमेंट करते हुए कहा कि मांझी जी हमेशा NDA के प्रति समर्पित रहे हैं। उनके बयान को मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। हर पार्टी अपनी राय रखती है, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इसे गठबंधन के अंदर टकराव के तौर पर देखना गलत है। बिहार विधानसभा चुनावों में मांझी जी ने NDA के लिए अथक मेहनत की। उन्होंने गठबंधन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। हर नेता अपनी पार्टी के हितों के बारे में सोचता है, इसका मतलब यह नहीं है कि गठबंधन में कोई दरार है। दिलीप जायसवाल ने यह भी कहा कि NDA में सभी पार्टियों के बीच तालमेल है, और सभी मुद्दों को अंदरूनी बातचीत से सुलझा लिया जाता है।
दरअसल, हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जीतन राम मांझी ने सांसद-विधायक फंड और कमीशन को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “हर MP-MLA कमीशन लेता है… कम से कम पार्टी चलाने के लिए तो कमीशन लेना चाहिए। अगर कोई 10 प्रतिशत नहीं देता है तो 5 प्रतिशत ही ले लीजिए और उसी पर काम कीजिए।” मांझी ने यह भी दावा किया था कि वे अपने सांसद फंड से मिलने वाली राशि का हिस्सा पार्टी को मजबूत करने में लगाते रहे हैं और आगे भी ऐसा करेंगे।
जीतन राम मांझी ने राज्यसभा सीट को लेकर भी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले HAM को दो लोकसभा और एक राज्यसभा सीट का वादा किया गया था। मांझी के अनुसार, लोकसभा में उन्हें एक सीट मिली, जिसे पार्टी ने जीत भी लिया, लेकिन राज्यसभा सीट अब तक नहीं दी गई। उन्होंने कहा था, “खबरों में देखा जा रहा है कि JDU को दो, BJP को दो और LJP (रामविलास) को एक राज्यसभा सीट दी जा रही है। ऐसे में HAM कहां है? अप्रैल में जब राज्यसभा चुनाव होंगे, तो हमें एक सीट मिलनी चाहिए।”