
पत्रकारों से बात करते केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी। फोटो- पत्रिका
Bihar Politics: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। गया जी में अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के कार्यक्रम के दौरान मांझी ने खुले मंच से ऐसा बयान दे दिया, जिसने बिहार की राजनीति में हलचल तेज कर दी है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि सभी सांसद और विधायक अपने फंड से कमीशन लेते हैं और अपने बेटे व बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन को भी यही करने की सलाह दे डाली।
कार्यक्रम के दौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए पैसों की जरूरत होती है और इसके लिए कमीशन की व्यवस्था आम बात है। उन्होंने दावा किया कि सांसदों को मिलने वाले 5 करोड़ रुपये के फंड में से यदि 10 प्रतिशत कमीशन लिया जाए तो 40–50 लाख रुपये आसानी से निकल आते हैं। मांझी ने यह भी कहा कि वे स्वयं अपने सांसद फंड से मिलने वाले कमीशन की राशि पार्टी को दे चुके हैं और आगे भी देंगे।
मांझी ने मंच से कहा, “अगर तुम कमीशन नहीं वसूल रहे हो, तो यह तुम्हारी गलती है। पार्टी चलाने के लिए पैसा चाहिए। 10 प्रतिशत नहीं मिल रहा तो 5 प्रतिशत ही ले लो और काम चलाओ।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसी छोटी पार्टी के लिए 80 लाख रुपये कोई छोटी रकम नहीं होती। पार्टी इससे गाड़ी खरीद सकती है और दूसरे बड़े काम कर सकती है।
अपने बयान के बाद जीतन राम मांझी ने वहां कार्यक्रम में मौजूद पत्रकारों से यह भी कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह कोई छिपी हुई सच्चाई नहीं है, बल्कि हर कोई ऐसा करता है।
इस बयान पर विपक्षी दलों ने भी हमला शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की प्रवक्ता प्रियंका भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “हर MP-MLA कमीशन लेता है… कम से कम 5% लीजिए, 80 लाख तो हो जाएगा। अब बताइए मंत्रियों का कितना कमीशन बनता होगा?” प्रियंका भारती ने यह भी लिखा कि नसीहत अपने बेटे संतोष सुमन को दे रहे थे।
Published on:
22 Dec 2025 08:32 am
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