पटना

Gopal Khemka Murder Case: गोपाल खेमका की हत्या से लेकर प्लानिंग तक की जानिए पूरी कहानी

Gopal Khemka Murder Case गोपाल खेमका हत्याकांड की जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही हत्या से जुड़े कई तार खुलते जा रहे हैं। हत्याकांड में संलिप्त गिरफ्तार अपराधी पुलिस पूछताछ में कई अहम जानकारी दी है।

2 min read
Jul 26, 2025
बिजनेसमैन गोपाल खेमका हत्याकांड (Photo-ANI)

Gopal Khemka Murder Case: गोपाल खेमका की हत्या एक मर्डर नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी। हत्या से पहले सुपारी से लेकर बेरहमी से घटना को अंजाम देने तक की पूरी स्क्रिप्ट पहले तैयार की गई थी। पुलिस जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस हत्याकांड के परदे के पीछे के किरदारों और उनकी मंशाओं से पर्दा भी उठने लगा है। आरोपियों के अनुसार मार्च से ही गोपाल खेमका की हत्या को लेकर प्लानिंग शुरू हो गई थी। शूटर उसकी रेकी करने लगे थे।

ये भी पढ़ें

Gopal Khemka Murder: पटना में एनकाउंटर … गोपाल खेमका की हत्या के लिए हथियार मुहैया करवाने वाला विकास मारा गया

गोपाल खेमका से अशोक साव क्यों नाराज था

पुलिस पूछताछ में लोहा कारोबारी अशोक साव ने बताया कि गोपाल खेमका जमीन के सौदे में बार-बार दखल दिया करते थे। वे उसके धंधे की राह का कांटा बन चुके थे। उसने पुलिस को बताया कि जो जमीन मैं जमीन खरीदने जाता था खेमका उसके बीच में आ जाते थे। उनके हस्तक्षेप के कारण रेट खराब हो जाया करता था। जमीन मालिक से इसके कारण हमारी डील कैंसिल हो जाया करता था। फिर वो खुद डील कर लिया करते थे। उनकी वजह से बाजार में मेरी साख भी गिरती जा रही थी।

मार्च से बन रही थी हत्या की प्लानिंग

आरोपियों के अनुसार गोपाल खेमका की हत्या के लिए मार्च से ही साजिश का ताना-बाना बुनना शुरू हो गया था। अशोक साव ने इसके लिए सबसे पहले दो सिम कार्ड और मोबाइल खरीदा। एक मोबाइल उसने अपने पास रखा और दूसरा उसने सुपारी किलर उमेश को दे दिया। अशोक साव और उमेश पहली बार अप्रैल में जेपी गंगा पथ पर मिले। दोनों ने मिलकर गोपाल को रास्ते से हटाने का सौदा तय कर लिया। अशोक साव के अनुसार पहले किसी और शूटर से यह सौदा तय हुआ था, लेकिन उसने डिमांड ज्यादा कर दिया। इसके कारण अशोक उसको छोड़ कर उमेश से संपर्क किया और सौदा पक्का किया। पुलिस के अनुसार पूरा सौदा चार लाख में तय हुआ था। एडवांस के रूप में 50 हजार रुपए लिए थे। उमेश इसी पैसे से बच्चों की फीस भरी थी। और फिर उसने हत्या का प्लान बनाना शुरू कर दिया था।

पांच दिनों तक किया था रेकी

उमेश ने पुलिस को बताया कि गोपाल खेमका की हत्या से पहले पांच दिनों तक उसका रेकी किया था और फायरिंग की प्रैक्टिस भी किया था। जब सब कुछ समझ में आ गया और लगा कि काम हो जायेगा तो 4 जुलाई को हत्या करने का फैसला लिया गया। उमेश के अनुसार खेमका बांकीपुर क्लब से निकला इसकी हमें सूचना मिल गई थी। उसके कटास्का निवास पहुंचते ही उन्हें गोली मार दी। पुलिस के अनुसार उमेश घटना को अंजाम देने के बाद सीधा मालसलामी स्थित अपने घर पहुंचा। घर पहुंचने के दौरान उसने रास्ते में बाइक का नंबर भी बदला। हत्या के अगले ही दिन अशोक ने बाकी के 3.50 लाख रुपए उसे दे दिए। इसके बाद एक नया मोबाइल और सिम दे दिया। लेकिन तमाम कोशिश और चलाकी के बाद भी आरोपी कानून की नजरों से बच नहीं सके।

बंदूक और कारतूस बरामद

पुलिस ने उमेश के घर से हत्या के दौरान इस्तेमाल की गई बंदूक, कारतूस, कैश और मोबाइल बरामद कर ली है। कोर्ट से पुलिस खेमका के मोबाइल और गैजेट्स की फॉरेंसिक जांच कराने की परमिशन मांगी है। परमिशन मिलने के बाद पुलिस मोबाइल और गैजेट्स की जांच करेगी।

ये भी पढ़ें

Gopal Khemka Murder: बेऊर जेल में छापेमारी के बाद तीन कक्षपाल निलंबित, जानें क्यों हुई ये कार्रावाई?

Updated on:
26 Jul 2025 11:35 am
Published on:
26 Jul 2025 11:31 am
Also Read
View All

अगली खबर