Indian Railways: दो बड़े रेलवे जोन के बीच तालमेल की कमी के कारण, अमृतसर मेल और राजेंद्र नगर एक्सप्रेस ट्रेनें अपने रास्ते से भटक गईं। हावड़ा डिवीजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर ने X पर एक पोस्ट में इस पर आपत्ति जताई है।
बिहार के जमुई में हुए रेल हादसे के बाद यात्रियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पटरियों की मरम्मत और ट्रेनों के डायवर्जन के बीच अब भारतीय रेल (Indian Railways) के दो बड़े जोनों, पूर्व रेलवे (ER) और पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के बीच तालमेल की ऐसी कमी सामने आई है, जिसने यात्रियों को ठिठुरती ठंड में बीच मझधार में छोड़ दिया। समन्वय के अभाव में दो महत्वपूर्ण ट्रेनें अपने निर्धारित डायवर्टेड रूट से भी भटक गईं, जिससे घंटों असमंजस की स्थिति बनी रही।
दरअसल, जमुई में मालगाड़ी दुर्घटना के कारण मुख्य मार्ग बाधित है। इसे देखते हुए पूर्व रेलवे (हावड़ा मंडल) ने 27 दिसंबर की 13006 अमृतसर-हावड़ा मेल और 28 दिसंबर की 12352 राजेंद्र नगर-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन को पटना-गया-धनबाद-आसनसोल मार्ग से चलाने का आधिकारिक आदेश (EO No. 211/12/2025) जारी किया था। यात्रियों को भी इसी रूट की जानकारी दी गई थी।
परंतु, दानापुर रेल मंडल (ECR) ने बिना किसी पूर्व सूचना या समन्वय के इन दोनों ट्रेनों का मार्ग बदल दिया। दानापुर मंडल ने इन ट्रेनों को गया के बजाय किऊल-भागलपुर-गुमानी-बर्द्धमान मार्ग पर धकेल दिया।
रेलवे के भीतर इस मिस-कम्युनिकेशन से नाराज DRM हावड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मामले को सार्वजनिक किया। उन्होंने दानापुर रेल मंडल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए लिखा कि ट्रेनों की यह नई रूटिंग पूर्व रेलवे के आधिकारिक संदेश के अनुरूप नहीं है।
हावड़ा डिवीजन के DRM ने अपने पोस्ट में स्पष्ट कहा, "यह देखा गया है कि दानापुर डिवीजन द्वारा दोनों ट्रेनों को वैकल्पिक मार्ग (किऊल-भागलपुर) पर भेजा गया और इसी रूट को ICMS (सिस्टम) में भी फीड कर दिया गया, जिससे ऑनलाइन स्टेटस देख रहे यात्री भी गुमराह होते रहे। यह पूर्व रेलवे के निर्देशों के खिलाफ है।" उन्होंने पूर्व मध्य रेलवे से अनुरोध किया कि यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए तत्काल समन्वय स्थापित करें और ट्रेनों के मार्ग निर्धारण में एकरूपता लाएं।
रेलवे के इस आपसी टकराव और तालमेल की कमी का सीधा असर यात्रियों पर पड़ा। जो यात्री पटना–गया–धनबाद–आसनसोल रूट के स्टेशन पर उतरने या चढ़ने का इंतजार कर रहे थे, उन्हें ऐन वक्त पर पता चला कि उनकी ट्रेन सैकड़ों किलोमीटर दूर भागलपुर के रास्ते निकल गई है। पिछले तीन दिनों से जारी इस रेल संकट के बीच यात्रियों को स्टेशन पर रातें गुजारनी पड़ रही हैं, और अब गलत सूचनाओं ने उनकी परेशानी को दोगुना कर दिया है।