लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने परिवार से नाता तोड़ने और राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। जिस पर जदयू ने पलटवार करते हुए कहा कि लालू यादव को किडनी देने वाली बेटी कराह रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की करारी हार के बाद लालू परिवार में शुरू हुए आंतरिक कलह पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने तीखा पलटवार किया है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या द्वारा राजनीति और परिवार से नाता तोड़ने के चौंकाने वाले ऐलान के बाद, JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने सीधे लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राजद जिस परिवारवादी ढांचे की राजनीति करती है, उसका असली रूप अब सार्वजनिक हो चुका है।
JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "राजद एक पारिवारिक पार्टी है और अब पार्टी का अंदरूनी संघर्ष सबके सामने आ गया है। जिस बेटी ने किडनी देकर अपने पिता की जान बचाई, आज उसी की आवाज में कराह सुनाई दे रही है। जिसने भाई की कलाई पर राखी बांधी, वही आज परिवार और पार्टी से विदाई ले रही है। सवाल केवल रोहिणी आचार्या पर नहीं, सवाल लालू जी और राबड़ी जी पर है।"
JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू यादव की भूमिका पर भी प्रश्न उठाते हुए कहा, “यदि आप परिवार के मुखिया और न्याय करने वाले व्यक्ति हैं, तो चुप क्यों हैं? धृतराष्ट्र की तरह सब देख कर भी मौन क्यों बने हुए हैं? अगर आप मुख्य न्यायधीश की भूमिका अदा नहीं करेंगे, इसका मतलब रोहिणी द्वारा आपके प्राण रक्षा के लिए किए गए काम आपके अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।" उन्होंने लालू यादव से ज्ञान के चक्षु खोलने और परिवार को बिखरने से बचाने का आग्रह किया।
बिहार चुनाव के परिणाम के ठीक अगले दिन लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर एक पोस्ट कर राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी थी। उन्होंने अपने पोस्ट में स्पष्ट लिखा, "मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।"
राज्यसभा सांसद संजय यादव और रमीज़ तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। संजय यादव तेजस्वी के शीर्ष राजनीतिक सलाहकार माने जाते हैं। वहीं रमीज़ बिना किसी आधिकारिक पद के तेजस्वी यादव के बेहद करीबी सहयोगी। दोनों पर पहले भी संगठन और फैसलों को नियंत्रित करने के आरोप लग चुके हैं।