एक लाइव टीवी डिबेट शो में RJD प्रवक्ता और एंकर के बीच गालियों और धमकियों ने सारी मर्यादा तोड़ दी। RJD ने इस टीवी झगड़े को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है, इसे जातिगत गौरव और सत्ता के नशे से जोड़ दिया है। वहीं, एंकर ने सोशल मीडिया पर पलटवार करते हुए उन पर तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर एक टीवी डिबेट का वीडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो ZEE बिहार झारखंड के शो 'बात बेबाक' का है, जहां लाइव टीवी डिबेट के दौरान एंकर और RJD प्रवक्ता डॉ दिनेश पाल के बीच जबरदस्त कहासुनी हो गई। बात गाली-गलौज, 'दलाल' होने के आरोप और 'जुबान खींच लेने' की धमकी तक पहुंच गई।
नितिन नबीन को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के एक बयान को लेकर 16 दिसम्बर को चैनल ने एक पैनल चर्चा आयोजित की थी। डिबेट में भाजपा, जदयू, कांग्रेस और राजद के प्रवक्ता शामिल थे।
RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा था कि नितिन नबीन को जो सम्मान दिया गया है और जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह असल में हर राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए सम्मान की बात है। BJP का यह फैसला बहुत अच्छा था और इस फैसले से BJP ने यह संदेश दिया है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करना जरूरी है।
कार्यक्रम की शुरुआत में एंकर अभिषेक कात्यायन ने राजद प्रवक्ता डॉ. दिनेश पाल से सवाल किया। दिनेश पाल ने जवाब में कहा कि आपको यह क्रांतिकारी फैसला लग रहा होगा। हालांकि, नितिन नबीन की नियुक्ति को एक आम कार्यकर्ता का उदय कहना सही नहीं है, क्योंकि वह एक राजनीतिक बैकग्राउंड से आते हैं। वह बिहार में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक नवीन किशोर सिन्हा के बेटे हैं।
दिनेश पाल ने यह भी कहा कि किसी नेता के पद से ज्यादा उसके काम पर चर्चा होनी चाहिए। क्या नितिन नबीन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिला पाएंगे, सेंट्रल यूनिवर्सिटी दिला पाएंगे, गरीबी और बेरोजगारी पर कुछ कर पाएंगे, यही असली सवाल है। अगर वो ऐसा कुछ करेंगे तो उनकी तारीफ बनती है।
एंकर ने जवाब देते हुए कहा कि अब क्रॉस-क्वेश्चन करूंगा तो आप नाराज हो जाएंगे। आप लोग इस तरह से बात करते हैं कि कभी-कभी मुझे हास्यास्पद लगता है। नितिन नबीन देश के प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं। वह एक संगठन, अपनी पार्टी के प्रमुख बनने वाले हैं। वह बिहार की अर्थव्यवस्था को कैसे ठीक कर सकते हैं? अगर आपको सरकार और संगठन के बीच का अंतर समझ नहीं आता, तो आपको राजनीति की एबीसीडी सीखने की जरूरत है।
इसके बाद हालात तेजी से बिगड़े। राजद प्रवक्ता ने एंकर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा, 'एक मिनट सुन लीजिए, आप दलाली मत कीजिए, जाकर एंकरिंग सीखिए।' इस पर एंकर अभिषेक कात्यायन भड़क गए। उन्होंने राजद प्रवक्ता से कहा, 'जुबान संभालिए… बदतमीजी मत करो… दलाली आप करते होंगे... तुम्हारी जुबान खींच लेंगे…दो मिनट में दफ्तर से बाहर निकाल देंगे…धक्के मारकर बाहर करिए।' एंकर ने कुछ और आपतिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया इसके बाद राजद प्रवक्ता डॉ. दिनेश पाल को शो से बाहर कर दिया गया और डिबेट आगे बढ़ा दी गई।
वीडियो सामने आने के बाद राजद प्रवक्ता कंचना यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि यह सत्ता का नशा और जातीय घमंड है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाल समाज से आने वाले प्रवक्ता के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया और गालियां दी गई। कंचना ने कहा, "अभिषेक कात्यायन का कुछ नहीं होगा। जाति है इसके साथ, इसका प्रमोशन होगा। नफरती जातिवादी भाजपाई इसकी जमकर तारीफ करेंगे।"
वहीं राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती ने अपने पोस्ट में लिखा कि ज़ुबान खींचने जैसी भाषा जातिवादी और सामंती सोच का प्रतीक है। अति पिछड़े समुदाय से आने वाले व्यक्ति को ज़ुबान खींचने की बात वही जातिवादी बोलेगा जिसको हमारे बोलने से दिक्कत है। सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन जातिवाद के खिलाफ संघर्ष नहीं रुकेगा। राजद सत्ता से बाहर है, संविधान खत्म नहीं हुआ है।
विवाद बढ़ने के बाद एंकर अभिषेक कात्यायन ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद ने जानबूझकर वीडियो का पहला हिस्सा काटकर पेश किया। उन्होंने लिखा, "आख़िरकार RJD ने आधिकारिक तौर पर इस बात पर मुहर लगा ही दी कि इसके प्रवक्ता गाली देंगे और किसी भी पत्रकार को गाली सुननी पड़ेगी। लेकिन इस पोस्ट में वीडियो का पहला हिस्सा घटिया राजनीति के तहत हटा दिया। मैं वो छोटा क्लिप पोस्ट कर रहा हूं। यहीं से शुरुआत हुई। इसे सुनकर ही कोई राय बनाएं।"