Bihar Politics मैथिली ठाकुर ने कहा कि तेजस्वी यादव होते तो विपक्ष शायद और मजबूती से अपनी बात रख पाता।
Bihar Politics: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय है। बीजेपी से पहली बार विधायक बनीं मैथिली ठाकुर ने भी इसकी चर्चा करते हुए उनकी कमी महसूस की। मैथिली ने कहा, 'तेजस्वी होते तो शायद विपक्ष अपनी बात और जोरदार तरीके से रख सकता था।'
विरोधी पार्टी की मैथिली ने भले ही तंज के अंदाज में तेजस्वी की कमी खलने की बात कही हो, लेकिन राजद के बुजुर्ग नेता शिवानंद तिवारी ने भी तेजस्वी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि वह मैदान छोड़ कर चले गए, वह नेता प्रतिपक्ष बनने लायक नहीं हैं।
मैथिली ने पहली बार तेजस्वी यादव की चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें सदन में उपस्थित होना चाहिए था। उनकी गैर‑हाज़िरी के कारण हमें विपक्ष की ओर से हमें कोई कॉम्पिटिशन नहीं मिल रहा। उन्होंने आगे कहा कि वह चाहती थीं कि विपक्ष की ओर से कोई ठोस मुद्दा उठे, जिससे सदन में मुकाबला देखने को मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तेजस्वी यादव पिछले दो दिनों से सदन में नहीं हैं।
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा सत्र के बीच वे अपने परिवार के साथ विदेश यात्रा पर चले गए। तेजस्वी ने मैदान छोड़ दिया है; उनमें अगले पाँच साल तक नेता‑विरोधी दल की भूमिका निभाने की क्षमता नहीं है।
तेजस्वी यादव के बारे में चर्चा है कि वे अपने परिवार के साथ यूरोप गए हैं। कहा जा रहा है कि वे अपनी पत्नी और बच्चों (पुत्री कात्यायनी और पुत्र इराज) के साथ क्रिसमस और नया साल मनाने के बाद वापस लौटेंगे।
मैथिली ठाकुर ने आगे कहा कि जब मैं सदन में वाद‑विवाद देख रही थी, तो इससे मैं काफी कुछ सीख रही थी। अभी तक जो बातें टीवी पर देखती थी, आज उन्हें बहुत करीब से देख रही थी। यह सब देखने के बाद मुझे एहसास हुआ कि सदन में बोलने के लिए कितनी तैयारी, आत्मविश्वास और ठोस बातों की आवश्यकता होती है। यह अनुभव मेरे लिए एक चुनौती की तरह है।
मैथिली ठाकुर ने कहा कि बिहार में जितने भी विधायक काम कर रहे हैं, मैं उनमें अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती हूँ। मेरी इच्छा है कि बिहार के लोग कहें कि मैथिली ठाकुर ने अपने क्षेत्र में कुछ हट कर काम किया है। यदि मुझे सबसे युवा विधायक कहा जा रहा है, तो यह मेरा दायित्व है कि अपने काम से यह साबित करूँ। उम्र नहीं, सोच और मेहनत मायने रखती है; आप इससे एक अलग पहचान बना सकते हैं।
मैथिली ने कहा, “मैं कुछ नए प्रयोग करना चाहती हूँ, नए तरीके से काम करना चाहती हूँ, ताकि लोगों को इसका लाभ मिले।”