पटना

बिहार में मां की लाश को 2 KM तक स्ट्रेचर पर घसीटता रहा बेटा… नहीं मिली एम्बुलेंस, वीडियो वायरल

Viral video: नवादा के अकबरपुर पीएचसी से एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक बेटा अपनी मां का शव करीब दो किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर घसीटता रहा। रात के अंधेरे में हुई इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।

2 min read
Dec 09, 2025
मां के शव को स्ट्रेचर पर घसीटता बेटा (फोटो- वीडियो ग्रैब )

Viral Video: बिहार के नवादा जिले से स्वास्थ्य व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाली एक तस्वीर सामने आई है। अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में 75 वर्षीय महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई, लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए। मृतका को घर ले जाने के लिए परिजनों ने अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की, लेकिन उन्हें साफ इनकार कर दिया गया।

ये भी पढ़ें

वेतन को लेकर 6 लाख शिक्षकों की टेंशन खत्म, बिहार सरकार ने तय कर दी सैलरी की फिक्स डेट, जानिए खाते में किस दिन आएगी रकम

रात के अंधेरे में स्ट्रेचर पर लाश लेकर 2 किलोमीटर पैदल चला बेटा

मृत महिला अजाय साह की मां थीं, जिनकी तबीयत अचानक रविवार रात बिगड़ गई थी। परिवार उन्हें आनन-फानन में अकबरपुर PHC लेकर पहुंचा, जहां कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। मां को अंतिम बार घर ले जाने के लिए बेटे ने जब एंबुलेंस मांगी तो जवाब मिला कि यहां शव के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं है। मजबूरी में बेटा, पत्नी और अन्य परिजन स्ट्रेचर पर मां का शव रखकर करीब 2 किलोमीटर पैदल चलते हुए घर ले गए।

स्ट्रेचर भी आसानी से नहीं दिया गया, दो लोगों को गारंटर के रूप में रोका

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने स्ट्रेचर भी आसानी से नहीं दिया। उनसे कहा गया कि जब तक शव वापस नहीं लाया जाएगा, तब तक परिवार के दो सदस्य अस्पताल में गारंटर के रूप में रुकेंगे। बेटे की पत्नी और उसका बेटा अस्पताल में रुके रहे, जबकि वह अकेले मां के शव को लेकर गांव की ओर निकल पड़ा।

खड़ी थी एम्बुलेंस फिर भी नहीं दी गई

इस पूरी घटना का वीडियो किसी ग्रामीण ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कंबल में लिपटी लाश को स्ट्रेचर पर धकेलते हुए परिवार रात के सन्नाटे में रास्ता तय कर रहा है। परिवार के लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में एंबुलेंस मौजूद थी, इसके बावजूद स्टाफ ने शव ले जाने से मना कर दिया। परिजनों ने बहुत गुहार लगाई कि रात का वक्त है, निजी वाहन नहीं मिल रहा, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी।

102 एंबुलेंस केवल मरीजों के लिए

मामला तूल पकड़ने के बाद नवादा के सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद चौधरी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि 102 एंबुलेंस सेवा सिर्फ जीवित मरीजों के ट्रांसपोर्ट के लिए होती है, शव ले जाने के लिए नहीं। शव वाहन सदर अस्पताल में उपलब्ध है। अगर प्रशासन को समय रहते सूचना दी जाती, तो शव वाहन भेजा जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि मृत महिला का घर अस्पताल के पास ही था, इसलिए परिजन अपनी मर्जी से स्ट्रेचर पर शव को लेकर गए।

ये भी पढ़ें

Mahila Rojgar Yojana: 10,000 के बाद अब 2 लाख रुपये का इंतजार? अगली किस्त किसे और कैसे मिलेगी?

Published on:
09 Dec 2025 08:02 am
Also Read
View All

अगली खबर