पटना

साइबर ठगी से बिहार के युवक ने बनाई करोड़ों की संपत्ति, जब्त करने की तैयारी में सरकार, कोर्ट ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

Cyber Crime: नवादा में साइबर अपराधी धीरज कुमार की अवैध रूप से अर्जित 1.10 करोड़ से अधिक की संपत्ति ज़ब्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इस संबंध में आठ लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। अदालत ने नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर पेश होकर पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

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Oct 13, 2025
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)

Cyber Crime: बिहार के नवादा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक साइबर अपराधी ने ठगी के पैसों से 1.10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खड़ी कर ली। अब सरकार इस अवैध संपत्ति को जब्त करने की तैयारी में है। नवादा की अदालत ने आरोपी धीरज कुमार को नोटिस जारी कर 15 दिनों में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। अगर वह तय समय सीमा में अदालत में पेश नहीं हुआ या ठोस साक्ष्य नहीं दे सका, तो उसकी पूरी संपत्ति सरकारी कब्जे में जा सकती है।

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साइबर ठग धीरज कुमार की संपत्ति पर बड़ी कार्रवाई

यह कार्रवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 107 के तहत की जा रही है। अदालत ने साफ कहा है कि अगर आरोपी पेश नहीं हुआ, तो एकतरफा निर्णय लेकर उसकी संपत्ति को राज्य सरकार जब्त कर सकती है। नवादा साइबर थाने के अनुसार, धीरज कुमार, वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के भवानी बिगहा गांव निवासी अशोक राम का बेटा है। उस पर साइबर ठगी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के कई मामले दर्ज हैं।

कहां-कहां है संपत्ति

पुलिस की जांच में सामने आया कि धीरज के पास अपने और माता-पिता के नाम पर 1.10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जिसमें शामिल हैं भवानी बिगहा में एक तीन मंजिला मकान, एक चारपहिया वाहन, नालंदा के राजगीर और कतरीसराय में छह प्लॉट। पुलिस के मुताबिक, यह पूरी संपत्ति साइबर ठगी के पैसों से अर्जित की गई है।

नवादा से लेकर तेलंगाना तक फैला ठगी का जाल

धीरज कुमार का साइबर नेटवर्क सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं था। वह देश के कई राज्यों में लोगों को ऑनलाइन ठगता था। 2022 में उसने तेलंगाना के एक व्यवसायी से 16 लाख रुपये की ठगी की थी। इस मामले में तेलंगाना पुलिस ने उसे 15 मई 2023 को गिरफ्तार कर संगारेड्डी जेल भेजा था। लगभग एक महीने बाद, 21 जून 2023 को वह जमानत पर रिहा हुआ। जमानत पर बाहर आने के बाद भी उसने ठगी का धंधा बंद नहीं किया। दिसंबर 2024 में उसने नवादा साइबर डीएसपी को ठगने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उस पर शिकंजा कसा।

8 दिसंबर 2024 को बड़ी कार्रवाई, धीरज समेत 9 गिरफ्तार

8 दिसंबर 2024 को साइबर पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मानवीय इंटेलिजेंस के आधार पर वारिसलीगंज के चकवाय गांव में छापा मारा। इस कार्रवाई में धीरज कुमार सहित 9 अपराधी गिरफ्तार किए गए। पुलिस को मौके से मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैंक पासबुक और कई सिम कार्ड बरामद हुए। जांच में पता चला कि गिरोह फर्जी बैंक कॉल, केवाईसी अपडेट और लोन ऑफर के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ऐंठता था।

अब कोर्ट की निगरानी में संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया

अदालत ने अब इस मामले को लेकर स्पष्ट रुख अपनाया है। BNSS की धारा 107 के तहत जारी नोटिस में कहा गया है कि धीरज कुमार 15 दिनों में कोर्ट के सामने उपस्थित हो, और अपनी संपत्ति के वैध स्रोतों के दस्तावेज प्रस्तुत करे। अगर धीरज ऐसा करने में विफल रहता है, तो अदालत उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करते हुए संपत्ति जब्ती का आदेश देगी। इसके बाद सरकार उस संपत्ति को या तो सरकारी उपयोग में ला सकती है या साइबर ठगी के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।

बिहार में बढ़ रहा साइबर अपराध का नेटवर्क

पिछले दो सालों में बिहार साइबर अपराध के मामलों का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। नवादा, गया, नालंदा, शेखपुरा और बेगूसराय जैसे जिलों में साइबर ठगों के बड़े-बड़े नेटवर्क सक्रिय हैं। पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 2024 में बिहार में साइबर ठगी के 19,000 से अधिक केस दर्ज किए गए। साइबर डीएसपी ने बताया कि नवादा जैसे छोटे जिलों में भी अब ठगी के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ गया है। ठग नकली बैंक अधिकारी, ई-वॉलेट एजेंट, ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म कर्मचारी बनकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे हैं।

जागरूक रहें, किसी लिंक या कॉल पर भरोसा न करें

नवादा पुलिस ने जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति अगर किसी अजनबी कॉल या लिंक पर बैंक डिटेल्स साझा करता है, तो वह खुद को खतरे में डालता है। साइबर अपराध से बचने के लिए किसी भी संदिग्ध कॉल पर OTP या अकाउंट जानकारी न दें। बैंक कभी भी फोन पर डिटेल नहीं मांगता। शिकायत के लिए 1930 हेल्पलाइन या साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट करें।

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