पटना

क्या उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में टूट तय? RLM में विवाद के बीच MLA माधव आनंद विदेश रवाना

Bihar Politics: राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अंदरूनी तनाव बढ़ गए हैं। विधायकों में असंतोष की खबरों के बीच, मधुबनी से विधायक माधव आनंद अचानक देश छोड़कर चले गए हैं।लिट्टी-चोखा दावत में उनकी गैरमौजूदगी और खुले तौर पर असहमति जताने से इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि RLM में अब फूट पड़ना तय है।

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Dec 29, 2025
रलोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह और विधायक माधव आनंद

Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) में चल रही अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। पार्टी के तीन विधायकों की नाराजगी की चर्चाओं के बीच, मधुबनी के विधायक माधव आनंद अचानक विदेश चले गए हैं। माधव आनंद ने इस बात की पुष्टि की है कि वह फिलहाल भारत से बाहर हैं। पार्टी के अंदर चल रहे विवादों के बीच उनके जाने से इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या यह सिर्फ एक इत्तेफाक है या कोई बड़ा फेरबदल होने वाला है।

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लिट्टी-चोखा पार्टी में गैरहाजिरी से जन्मा विवाद

हाल ही में पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर हुई लिट्टी-चोखा पार्टी को संगठनात्मक एकता का प्रतीक माना जा रहा था। हालांकि, इस कार्यक्रम में RLM के तीनों विधायक गैरमौजूद थे। अपनी गैरमौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर माधव आनंद ने साफ किया कि उन्हें कार्यक्रम की जानकारी थी, लेकिन खराब सेहत के कारण वह शामिल नहीं हो सके। वह दिल्ली गए थे और अब विदेश में हैं। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में अफवाहें हैं कि उन्हें मंत्री पद न मिलने से वह नाखुश हैं।

बीजेपी नेता से मुलाकात ने भी विवाद खड़ा किया

लिट्टी चोखा पार्टी के अगले ही दिन माधव आनंद और अन्य विधायकों की बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन के साथ फोटो सामने आई। इस मुलाकात ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया था। हालांकि, माधव आनंद ने इस मुलाकात को सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट बताया। उन्होंने कहा कि नितिन नवीन से उनके पुराने संबंध हैं और इस मुलाकात को ज्यादा राजनीतिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। इसके बावजूद, पार्टी के अंदर असंतोष के माहौल के बीच इस मुलाकात ने कई सवाल खड़े किए।

रामेश्वर महतो के बयान ने आग में घी डाला

RLM के अंदर असंतोष की सबसे मजबूत आवाज बाजपट्टी के विधायक रामेश्वर महतो की तरफ से आई है। उन्होंने खुले तौर पर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाया है और उपेंद्र कुशवाहा के बेटे (दीपक प्रकाश) को मंत्री बनाए जाने के फैसले में सुधार की मांग की है। महतो ने साफ कहा कि पार्टी वंशवाद की राजनीति का शिकार हो रही है और पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान कम हो रहा है। रामेश्वर महतो ने दावा किया कि पार्टी के तीनों विधायक नाखुश हैं और स्थिति गंभीर है।

अब तक कुछ नहीं बोले आलोक सिंह

दिनारा विधायक आलोक सिंह ने अब तक सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी चुप्पी भी सियासी संकेतों से खाली नहीं मानी जा रही। पार्टी सूत्रों का कहना है कि असंतोष केवल बयानों तक सीमित नहीं है, बल्कि संगठन के भीतर गहरे मतभेद उभर चुके हैं।

क्यों उठा विवाद

जब बिहार में नई सरकार बनी, तो उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक मंत्री पद मिला। अपनी पार्टी के किसी MLA को मंत्री बनाने के बजाय, कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री पद की शपथ दिलवाई। दीपक पंचायती राज मंत्री बने। यह पूरा विवाद इसी फैसले से शुरू हुआ, क्योंकि दीपक MLA नहीं हैं और उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है। दीपक एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं। कुशवाहा के इस फैसले के बाद, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के सात जिला अध्यक्षों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

माधव आनंद को पार्टी का वरिष्ठ और भरोसेमंद चेहरा माना जाता रहा है। वे पहले प्रधान महासचिव रह चुके हैं और लंबे समय से उपेंद्र कुशवाहा के करीबी माने जाते हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने मधुबनी सीट से आरजेडी के दिग्गज नेता को 20 हजार से अधिक वोटों से हराकर अपनी सियासी ताकत दिखाई थी। पार्टी के अंदर यह चर्चा भी है कि वे खुद को मंत्री पद का मजबूत दावेदार मानते थे और कुशवाहा के मौजूदा फैसलों से असंतुष्ट हैं।

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Published on:
29 Dec 2025 07:54 am
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