बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बीच चिराग पासवान ने गुरूवार को पटना में अहम बैठक बुलाई है। चिराग के इस फैसले के बाद बिहार में सियासी हलचलें बढ़ गई है।
बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। लेकिन, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर खटपट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। आगामी चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद अब गंभीर रूप से बढ़ गया है। खबर है कि गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट-शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति नहीं बन पाई है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इससे पहले पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर ट्वीट करते हुए लिखा “ज़ुल्म के खिलाफ लड़ना है तो मरना सीखो” और बताया कि “जब मैं संकट में होता हूं, मुझे पिताजी की ये पंक्तियां याद आती हैं.” इस बयान के बाद बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि चिराग पासवान ने ट्वीट से यह संकेत दिया है कि सीट बंटवारे की प्रक्रिया में उनकी पार्टी को नजरंदाज किया जा रहा है। उन्हें असमंजस में छोड़ा जा रहा है। अगर 'सम्मानजनक' हिस्सेदारी की मांग पूरी न हुई तो वह सख्ती दिखा सकते हैं। चिराग की इस ट्वीट के बाद गुरूवार को पार्टी की बुलाई गई बैठक को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
गठबंधन के भीतर मचे इस घमासान से स्थिति की संवेदनशीलता काफी बढ़ गई है। इस बढ़ते तनाव और सीट बंटवारे के फॉर्मूले में आए नए घटनाक्रमों के बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बड़ा कदम उठाया है।चिराग पासवान ने गठबंधन के भीतर की इस जटिलता और अपनी पार्टी की स्थिति पर विचार-विमर्श करने के लिए गुरूवार को पटना में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के साथ सीट बंटवारे की मौजूदा स्थिति और एनडीए के साथ आगे की रणनीति पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है।
इस बैठक में बिहार चुनाव के सह प्रभारी, पार्टी के सभी सांसद, प्रदेश प्रधान महासचिव, प्रदेश उपाध्यक्षगण (मुख्य अंग) और प्रदेश प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मौजूद रहेंगेष लेकिन, चिराग पासवान नहीं रहेंगे। बिहार में तेजी से बदलते ये घटनाक्रम पर कल सभी की पैनी नजर होगी।