पटना

बिहार में 40 साल बाद पहली बार होने जा रही बड़ी शुरुआत, इन 11 शहरों को होगा बड़ा फायदा

Bihar News: बिहार में 40 साल बाद पहली बार बड़े पैमाने पर नए शहर विकसित करने की योजना शुरू की जा रही है। मंत्री नितिन नवीन की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में 11 नए ग्रीनफील्ड टाउनशिप बनाने की रूपरेखा को मंजूरी दी गई।

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Nov 25, 2025
मंत्री नितिन नबीन (फोटो- X @NitinNabin )

Bihar News: बिहार में शहरी विकास और प्लान्ड शहरों के कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। करीब 40 साल में पहली बार राज्य में बड़े पैमाने पर नए शहर डेवलप करने का प्लान शुरू किया जा रहा है। मंगलवार को शहरी विकास और आवास मंत्री नितिन नवीन की अध्यक्षता में हुई एक हाई-लेवल मीटिंग में 11 नए सैटेलाइट/ग्रीनफील्ड टाउनशिप बनाने के फ्रेमवर्क को मंजूरी दी गई। यह पहल बढ़ती आबादी, शहरी फैलाव और रिसोर्स पर बढ़ते दबाव को देखते हुए की गई। सरकार का दावा है कि यह कदम बिहार के भविष्य के स्मार्ट अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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नए शहरों की ज़रूरत क्यों पड़ी?

पिछले चार दशकों में बिहार में प्लानिंग के तहत विकसित शहरों में बड़े पैमाने पर कोई नई परियोजना नहीं आई। पटना के कंकड़बाग और पाटलिपुत्र कॉलोनी के बाद पहली बार अब प्लान्ड शहरों पर काम चल रहा है। तेज़ी से बढ़ती आबादी, सड़कों पर दबाव, बिना प्लान के कंस्ट्रक्शन, पानी भरना और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं की वजह से शहरी विकास के लिए एक नई दिशा की ज़रूरत थी। सरकार का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से बड़े शहरों पर बोझ कम होगा, नई नौकरियां पैदा होंगी, इन्वेस्टमेंट आएगा और लोगों को मॉडर्न रहने की सुविधाएं मिलेंगी।

किन 11 शहरों को मिलेगा लाभ

सोनपुर और सीतामढ़ी (सीतापुरम) के साथ नौ डिविजनल हेडक्वार्टर में नई टाउनशिप बनाई जाएंगी। इन शहरों को मॉडर्न मॉडल पर डेवलप किया जाएगा, जिसमें ग्रीनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर, चौड़ी सड़कें, पार्क, सीवेज सिस्टम, कचरा डिस्पोजल और कमर्शियल ज़ोन पहले से प्लान किए जाएंगे। ये टाउनशिप पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, दरभंगा, मुंगेर, सारण (छपरा), सहरसा, पूर्णिया, सोनपुर और सीतामढ़ी (सीतापुरम) में डेवलप की जाएगी।

नितिन नवीन ने क्या कहा

बैठक के बाद नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “बिहार के शहरीकरण को राष्ट्रीय मानक तक ले जाना हमारी प्राथमिकता है। पिछले 40 वर्षों में पाटलिपुत्र और कंकड़बाग के बाद पहली बार 11 नए शहर विकसित किए जाएंगे। यह भविष्य के बिहार के विकास का सबसे बड़ा आधार होगा। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस परियोजना को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद देता हूं।” उन्होंने बताया कि इन सैटेलाइट टाउनशिप के निर्माण से प्रमुख शहरों पर जनसंख्या और यातायात का दबाव कम होगा और लोगों को बेहतर और सुरक्षित रहने का माहौल मिलेगा।

क्या होगा फायदा?

सरकार का दावा है कि नए सैटेलाइट शहरों के बनने से भीड़भाड़ और प्रेशर कम होगा, इकोनॉमिक एक्टिविटी और इन्वेस्टमेंट बढ़ेगा, रियल एस्टेट और रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा, और बेहतर सड़कें, पार्क, ड्रेनेज और हाउसिंग जैसी सुविधाएं डेवलप होंगी।

जमीन मालिकों को भी फायदा

परियोजना में लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू की जाएगी, जिसके तहत भूमि अधिग्रहण के बजाय जमीन मालिकों को विकसित भूमि वापस दी जाएगी। इससे किसान और स्थानीय नागरिक भी सीधे लाभ पा सकेंगे और जमीन अधिग्रहण में विरोध की आशंका कम हो जाएगी। इसके लिए जल्द ही हर जिले में विशेष प्रशासनिक समिति बनाई जाएगी, जिसमें भूमि अधिग्रहण अधिकारी, राजस्व विभाग, शहरी योजनाकार और संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये समितियां टाउनशिप की सीमाएं, मास्टर प्लान और सुविधाओं की सूची तय करेंगी।

क्या सुविधाएं दी जाएंगी?

  • टाउनशिप में मॉडर्न ट्रैफिक और सिक्योरिटी सिस्टम होंगे।
  • इसे पानी जमा होने से रोकने के लिए डिज़ाइन और इंजीनियर किया जाएगा।
  • इसमें कचरा रीसाइक्लिंग के लिए प्लांट होगा।
  • इसमें बड़े हरे-भरे पार्क और मनोरंजन ज़ोन भी होंगे।
  • इसमें कमर्शियल और इंडस्ट्रियल ज़ोन भी होंगे।
  • इसमें हाई-क्वालिटी कनेक्टिविटी भी होगी।

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Published on:
25 Nov 2025 05:38 pm
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