Bihar Election: बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और बिहार सरकार एन मंत्री रह चुके अफाक आलं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों एक दूसरे पर बड़े बड़े आरोप लगा रहे हैं। जानिए क्या है मामला और क्या आरोप लगाए गए हैं।
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच अब नया विवाद खड़ा हो गया है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव और बिहार सरकार में पूर्व मंत्री एवं कस्बा विधानसभा से कांग्रेस विधायक आफाक आलम के बीच खुलेआम आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मामला अब सिर्फ शब्दों की जंग का नहीं है, यहां बात 5 करोड़ रुपये में टिकट बेचने जैसे गंभीर आरोप तक जा पहुंची है। पप्पू यादव ने आफाक आलम पर कांग्रेस में टिकट बंटवारे के दौरान बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाया है। वहीं, आफाक आलम ने पलटवार करते हुए कहा है कि अगर उन्होंने मुंह खोल दिया, तो पप्पू यादव का चेहरा बेनकाब हो जाएगा।
मामला शुरू हुआ जब पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आफाक आलम पर राज्यसभा सीट के लिए 5 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया। पप्पू यादव ने कहा, “साबिर अली के राज्यसभा पहुंचने में 5 करोड़ की राशि दी गई थी। इस वजह से कांग्रेस ने आफाक आलम का टिकट काटा।"
उन्होंने आगे कहा, “आफाक आलम को हमने काफी सपोर्ट किया था, उनका नाम टिकट के लिए आगे बढ़ाया, लेकिन उनके अतीत की वजह से टिकट नहीं मिला। इसमें मेरी क्या गलती है? किसी को नमकहरामी नहीं करनी चाहिए। ऊंट बैठ भी जाए, तो गधा से ऊपर ही होता है।”
पप्पू यादव के इस बयान पर कस्बा के निवर्तमान कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री आफाक आलम भड़क उठे। उन्होंने कड़ा पलटवार करते हुए कहा,“पप्पू यादव हमारा मुंह ना खुलवाएं। अगर मुंह खुल गया तो उनका चेहरा बेनकाब हो जाएगा। उन्होंने हमसे नीतीश सरकार को बचाने के लिए जीतन राम मांझी और नीतीश मिश्रा से मिलने को कहा था। हमसे कहा गया था कि सरकार को बचाइए। लेकिन हमने ईमानदारी दिखाई और उस सौदे का हिस्सा नहीं बने।”
उन्होंने आगे कहा, “आज वही पप्पू यादव हमें भ्रष्ट बता रहे हैं। क्या उन्होंने उम्मीदवार तय करने में पैसा नहीं लिया? क्या उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को सिर्फ वोट बैंक नहीं बनाया? आज तक कितने मुसलमानों को आगे बढ़ाया? सबका इस्तेमाल किया, किसी को सम्मान नहीं दिया। अब अल्पसंख्यक समाज उनके झांसे में नहीं आने वाला।”
इस विवाद में अब कस्बा के कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद इरफान आलम भी कूद पड़े हैं। उन्होंने आफाक आलम के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “अगर हमने टिकट खरीदा है, तो बताइए आप तीन बार विधायक बने, क्या आपने भी टिकट खरीदा था? ये सरासर झूठ और बेबुनियाद आरोप हैं।”
इस विवाद की असली जड़ कस्बा विधानसभा सीट है। जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। यहां 40 फीसदी से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। पप्पू यादव इस वर्ग को अपने पक्ष में लाने की कोशिश में हैं, जबकि आफाक आलम, जो अब निर्दलीय प्रत्याशी हैं, उन्हीं वोटों पर दावा ठोक रहे हैं। यही वजह है कि दोनों के बीच का विवाद सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप नहीं बल्कि वोट बैंक की जंग में बदल चुका है।
दूसरी ओर, पप्पू यादव ने एक बयान में कहा कि उन्होंने कोई झूठ नहीं बोला। जो कहा वो सच्चाई है। जनता जानती है कि कौन सौदेबाजी करता है और कौन जनता के लिए लड़ता है। उन्होंने आगे कहा, “मैं किसी के डर से पीछे हटने वाला नहीं हूं। मैं कांग्रेस के किसी नेता के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन टिकट बेचने जैसी गंदी राजनीति पर सवाल उठाना मेरा अधिकार है।”