Bihar Election: समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी की वोट देने के बाद की एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें उनके दोनों हाथों पर स्याही के निशान दिखाई दे रहे थे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्होंने दो बार वोट दिया। विवाद के बाद, पटना के डीएम ने स्पष्टीकरण जारी किया।
Bihar Election:बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसने सियासी भूचाल खड़ा कर दिया। इस तस्वीर में लोजपा (रा) सांसद शांभवी चौधरी के दोनों हाथों की उंगलियों पर चुनावी स्याही (Ink Mark) दिखाई दे रही थी। विपक्ष ने इसे आधार बनाकर आरोप लगाया कि सांसद ने दो बार मतदान किया है। देखते ही देखते इस मामले ने तूल पकड़ लिया। लेकिन अब इस विवाद पर पटना DM ऑफिस की ओर से आधिकारिक सफाई आ गई है।
विवाद बढ़ते देख पटना DM के सोशल मीडिया हैंडल से तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण जारी किया गया। पटना डीएम ने राजद प्रवक्ता कंचना यादव के पोस्ट को क्वोट करते हुए जवाब दिया है। डीएम की ओर से बताया गया है कि सोशल मीडिया पर सांसद शांभवी चौधरी के मतदान के बाद दोनों अंगुलियों पर स्याही के निशान लगे होने का वीडियो प्रसारित हो रहा है। इस संबंध में 182-बांकीपुर विधान सभा के मतदान केन्द्र संख्या 61, संत पॉल्स प्राईमरी स्कूल, बुद्धा कॉलोनी (मुख्य भाग का उत्तरी कमरा) के पीठासीन पदाधिकारी से पूछताछ की गई।
डीएम ने जानकारी दी कि पीठासीन पदाधिकारी के अनुसार वोटिंग के बाद मतदान कर्मी से गलती हुई और दाहिने हाथ की अंगुली पर स्याही लगा दी गई, जिसके बाद पीठासीन अधिकारी के निर्देश पर बांये हाथ की अंगुली पर भी स्याही लगाई गई। दी ने कहा, "यह स्पष्ट किया जा रहा है कि माननीय सांसद शांभवी चौधरी ने केवल 182-बाँकीपुर विधान सभा के मतदान केन्द्र संख्या 61 पर मतदाता सूची क्रमांक 275 के तहत एक बार ही मतदान किया है। इस प्रकार, यह मामला एक मानवीय भूल है और सांसद ने केवल एक बार वोट डाला है।"
दरअसल, चिराग पासवान की पार्टी से सांसद शांभवी चौधरी ने मतदान के बाद अपने पिता अशोक चौधरी सहित पूरे परिवार के साथ एक ग्रुप फोटो खिंचवाई थी। यही फोटो सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैलने लगी। इसमें उनके दाहिने और बाएं दोनों हाथों पर मतदान की स्याही दिखाई दी। कांग्रेस और राजद ने तुरंत सवाल उठाया कि क्या सांसद ने दो अलग-अलग जगह वोट किया? क्या मतदान प्रक्रिया से छेड़छाड़ हुई? कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताया। वहीं, राजद प्रवक्ता कंचना यादव ने कहा कि यह सीधा-सीधा फ्रॉड है और चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए।