बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जन सुराज पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। प्रशांत किशोर की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। जिसके बाद अब जन सुराज ने हार पर प्रतिक्रिया दी है। पढ़िए पार्टी अध्यक्ष ने क्या कहा।
बिहार विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, जन सुराज पार्टी ने अपनी हार के कारणों पर खुलकर बात की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनडीए को शानदार जीत की बधाई दी। उन्होंने दावा किया कि राजद की वापसी की आशंकाओं के चलते आखिरी दिनों में वोटों में भारी बदलाव हुआ। उन्होंने कहा कि अगर हालात अनुकूल होते, तो जनसुराज पार्टी को कम से कम 15% वोट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन नतीजे आते ही यह आंकड़ा 4% से भी नीचे चला गया। यानि 11 % वोट कम हो गए।
उदय सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया और कैश ट्रांसफर के जरिए वोट खरीदे गए, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने वोट खरीदने के लिए 40000 करोड़ रुपये खर्च किए। उनके अनुसार, इस कथित फंडिंग का सीधा असर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए को उनके किए गए कार्यों पर ये बहुमत मिलती तो हमें बहुत खुशी होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। वोट खरीदे गए हैं।
पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि जन सुराज को प्राप्त वोट प्रतिशत चुनावी विश्लेषण और जमीनी सर्वे के मुकाबले बेहद कम है। उनका दावा है कि राजद के सत्ता में लौटने की आशंका और अंतिम समय में बनी राजनीतिक धारणा ने जन सुराज के समर्थकों को भ्रमित कर दिया, जिससे वोट NDA की ओर शिफ्ट हो गए। उन्होंने कहा, "सिर्फ राजद की वापसी के डर से ऐसा हुआ, लोगों में कांग्रेस या अन्य पार्टियों को लेकर ऐसा कोई डर नहीं था। हम अपने अंदर भी समीक्षा कर रहे हैं कि हमें इतने कम वोट क्यों मिले, जबकि जनता के मुद्दों पर हमारी बात सबसे साफ और मजबूत थी।"
उदय सिंह ने कहा कि दिल्ली में लाल किला के पास हुए ब्लास्ट की घटना के बाद सीमांचल क्षेत्र में ध्रुवीकरण तेज हुआ, जिसने चुनावी समीकरण को और प्रभावित किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर द्वारा पहले किए गए पूर्वानुमान जमीनी संकेतों पर आधारित थे, लेकिन चुनावी माहौल आख़िरी सप्ताह में पूरी तरह बदल दिया गया।
उदय सिंह ने कहा कि पार्टी निराश जरूर है, लेकिन हताश बिल्कुल नहीं। उन्होंने घोषणा की कि विधानसभा में प्रतिनिधित्व न होने के बावजूद जन सुराज एक मजबूत वैकल्पिक विपक्ष की भूमिका निभाएगा, जो सरकार की गलतियों और भ्रष्टाचार पर लगातार सवाल उठाता रहेगा। पार्टी ने NDA से मांग की कि नई सरकार में दागी और भ्रष्ट चेहरे शामिल न किए जाएं। अभी की कैबिनेट में जैसे मंत्री हैं वो अब की कैबिनेट में न हो।