बिहार विधानसभा चुनाव: जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर अपनी जहानाबाद के गांधी मैदान में आयोजित सभा के बाद पत्रकारों की ओर से भाजपा सांसद संजय जयसवाल के "नटवरलाल" वाले बयान पूछने पर तीखा पलटवार किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि सड़क पर भौंकने वाले हर कुत्ते का जवाब देना जरूरी नहीं होता।
बिहार में विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही नेताजी के जुबान तल्ख होने लगे हैं। कांग्रेस के बाद तेजस्वी यादव की सभा में पीएम मोदी की मां को गाली का विवाद अभी शांत भी नहीं पड़ा था कि बीजेपी सांसद संजय जायसवाल और जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर के बीच शुरू हुई जुबानी जंग में नटवरलाल और कुत्ते की एंट्री हो गई। दरअसल, यह पूरा मामला भ्रष्टाचार पर छिड़ी जंग के साथ शुरू हुई है। प्रशांत किशोर कुछ दिन पहले ही बीजेपी के चार और जदयू के एक नेता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इसी क्रम में उन्होंने सांसद संजय जायसवाल को छुटभैया नेता बताते हुए उनपर गलत पर्ची पर ज्यादा डीजल-पेट्रोल का बिल वसूलने का आरोप लगाया था।
बेतिया से बीजेपी सांसद संजय जायसवाल जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर की ओर लगाए गए आरोप पर पलटवार करते हुए उनको नटवरलाल करार दिया। उन्होंने कहा कि ठगी की दुनिया में बिहार की पहचान नटवरलाल से थी। प्रशांत किशोर ठगने में उनसे भी बहुत आगे हैं। नटवरलाल ने तो सामान्य मनुष्यों को ठगा, किंतु पीके (प्रशांत किशोर) बिहार के बुद्धिजीवियों को ठग रहे हैं। इसके साथ ही सांसद संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, पीके से सवाल करते हुए कहा कि 'प्रशांत किशोर ने यह तो बताया कि आंध्र प्रदेश के सांसद ने 14 करोड़ रुपए चंदा दिया, परंतु यह चंदा घाटे में डूबी कंपनी से क्यों दिलवाया? उन्होंने जन सुराज पार्टी को प्रशांत किशोर की नाजायज उत्पत्ति तक बता दिया था।
संजय जायसवाल के पलटवार पर जहानाबाद में जब पत्रकारों ने प्रशांत किशोर से सवाल किया तो प्रशांत किशोर नाराज हो गए और जवाब देते समय खुद अपनी जुबां पर संयम नहीं रख पाए। उन्होंने कहा कि भौंक रहे हर कुत्ते का जवाब देना जरूरी नहीं है। प्रशांत किशोर के इस जवाब के बाद उनपर भी सवाल खड़े हो गए हैं। रविवार को प्रशांत किशोर की जहानाबाद के गांधी मैदान में सभा थी। सभा के बाद प्रशांत किशोर पत्रकारों से बात करते समय ये बातें कही।