
प्रशांत किशोर (photo- patrika)
'हमको संजय जायसवाल बुझते हो?' जन सुराज पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पंक्ति उस वक्त छा गई। जब फंडिंग से जुड़े सवालों से प्रशांत किशोर (पीके) इतने भड़क गए कि उन्होंने सीधे भाजपा नेताओं पर निशाना साध दिया। दरअसल, बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक फेसबुक पोस्ट के ज़रिए पीके की राजनीतिक फंडिंग पर सवाल उठाए थे। भड़के पीके ने न सिर्फ़ पलटवार किया, बल्कि 14 करोड़ रुपये का चंदा मिलने का खुलासा भी किया, जिससे साफ़ हो गया कि उनकी राजनीति किसी "गुप्त धन" पर नहीं, बल्कि पारदर्शिता पर आधारित है।
संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि जन सुराज की राजनीति बड़े पैमाने पर चल रही है लेकिन इसकी फंडिंग का कोई स्पष्ट हिसाब जनता को नहीं दिया जा रहा। जायसवाल ने PK की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर राजनीति पारदर्शिता और बदलाव के नाम पर हो रही है तो सबसे पहले फंडिंग का खुलासा होना चाहिए। इसी आरोप ने PK को भड़का दिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने जायसवाल की पोस्ट का ज़िक्र किया, तो PK का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने कहा, 'आप हमको संजय जायसवाल बुझते हो? हमसे कोई हिसाब पूछे तो साफ जवाब देंगे। लेकिन भाजपा के नेता पहले अपने फंडिंग का हिसाब दें, तब हमसे सवाल करें।' PK ने साफ किया कि जन सुराज पार्टी ने अब तक 14 करोड़ रुपए का डोनेशन लिया है और उसकी पूरी डिटेल पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। प्रशांत किशोर ने बताया कि जन सुराज ने आंध्र प्रदेश के सांसद अयोध्या रामी रेड्डी से 14 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया है।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, 'अयोध्या रामी रेड्डी देश के सबसे धनी सांसदों में से एक हैं, अपनी कंपनी के माध्यम से जन सुराज पार्टी को यह फंडिंग दी है।' प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ह चंदा किसी भी अवैध या गुप्त स्रोत से नहीं, बल्कि पारदर्शी तरीके से आया है। प्रशांत किशोर ने बताया, 'जब हम उस क्षेत्र में काम कर रहे थे, तब अयोध्या रामी रेड्डी सांसद थे। हमें किसी से भी धन लेने में छिपाव या गलत इरादा नहीं है।'
PK ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए कहा कि जन सुराज को छोटे–बड़े डोनर्स से अब तक कुल 14 करोड़ रुपए मिले हैं। उन्होंने कहा कि यह रकम किसी “कॉर्पोरेट घराने” या “कालाधन” से नहीं, बल्कि आम समर्थकों से आई है। PK ने यह भी जोड़ा कि उनकी टीम हर साल ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करती है और भविष्य में भी पारदर्शिता उनकी राजनीति का मूल मंत्र रहेगा।
फंडिंग विवाद पर सफाई देने के साथ ही PK ने भाजपा नेताओं पर भी हमला बोला। उन्होंने तंज कसा कि “जिनके दल को हजारों करोड़ की चंदा राशि चुनाव बॉन्ड्स के ज़रिये मिली, वे हमसे ईमानदारी का प्रमाण मांग रहे हैं।” PK ने भाजपा पर आरोप लगाया कि कॉर्पोरेट फंडिंग से चलने वाली पार्टी को लोकतंत्र और पारदर्शिता की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
PK ने कहा कि उनका आंदोलन किसी धन्नासेठ का प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि जनता का आंदोलन है। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज में शामिल होने वाले लोग किसी लालच या टिकट की उम्मीद से नहीं, बल्कि बदलाव की भावना से जुड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उनके आंदोलन पर सवाल उठा रहे हैं, वे असल में जनता में बढ़ते जन सुराज के प्रभाव से घबराए हुए हैं।
Updated on:
21 Sept 2025 10:44 am
Published on:
21 Sept 2025 10:42 am
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