पटना

83 लाख की संपत्ति या 59 लाख? रितु जायसवाल का दावा- बीजेपी विधायक ने दिया झूठा एफिडेविट

राजद से बागी हुई रितु जायसवाल ने परिहार सीट से भाजपा प्रत्याशी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रितु ने गायत्री देवी पर एफिडेविट में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भी हमला किया। 

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Oct 22, 2025
निर्दलीय चुनाव लड़ेगी रितु जायसवाल (Photo-X @activistritu)

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल के बीच सीतामढ़ी जिले की परिहार सीट एक बार फिर चर्चा में है। राजद की बागी नेता रितु जायसवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद अब बीजेपी विधायक गायत्री देवी पर गंभीर आरोप लागया है। रितु जायसवाल ने दावा किया है कि गायत्री देवी ने अपने नामांकन एफिडेविट में अचल संपत्ति को लेकर दो अलग-अलग आंकड़े दर्ज किए हैं, एक जगह 83 लाख रुपये और दूसरी जगह 59 लाख रुपये। रितु ने कहा कि यह न केवल चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि अगर यह साबित हो गया कि एफिडेविट में गलत जानकारी दी गई है, तो विधायक को जीतने के बाद भी सीट खाली करनी पड़ सकती है।

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झूठा एफिडेविट देकर जनता को गुमराह किया गया- रितु जायसवाल

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में रितु जायसवाल ने एफिडेविट की कॉपी साझा करते हुए लिखा कि “चुनाव लोकतंत्र का पर्व है, लेकिन अगर इस प्रक्रिया में भी झूठ बोला जाएगा, तो जनता का भरोसा टूटेगा। परिहार की जनता सब जानती है। यहां कोई झूठ ज्‍यादा दिनों तक टिक नहीं सकता।”

राजद से टिकट न मिलने पर निर्दलीय बनीं रितु, तेजस्वी पर भी साधा निशाना

राजद से टिकट नहीं मिलने के बाद रितु जायसवाल ने पार्टी नेतृत्व पर दलालों के दबाव में आने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने पहले परिहार से उनका नाम फाइनल किया था, लेकिन बाद में कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में जाकर टिकट स्मिता पूर्वे को दे दिया गया।

रितु जायसवाल ने कहा, “मुझे बेलसंड से टिकट देने की पेशकश की गई, ताकि परिहार में बगावत न हो। लेकिन मैं परिहार की बेटी हूं, इस धरती को छोड़ना मेरे स्वभाव में नहीं। मैं किसी की कुर्बानी देकर बेलसंड नहीं जा सकती थी।” उन्होंने साफ कहा कि अगर पार्टी ने परिहार से किसी जमीनी कार्यकर्ता को टिकट दिया होता, तो वे खुशी-खुशी पीछे हट जातीं। लेकिन टिकट ऐसे परिवार को दिया गया, जो 2020 के चुनाव में पार्टी और मेरे साथ गद्दारी कर चुका था यह उन्हें मंजूर नहीं था।

परिहार सीट: बीजेपी का गढ़, लेकिन इस बार समीकरण बदले-बदले

परिहार विधानसभा सीट नेपाल सीमा से सटी एक रणनीतिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीट है। यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और तब से अब तक इस पर बीजेपी का कब्जा रहा है। 2010 में बीजेपी के राम नरेश यादव ने राजद के रामचंद्र पूर्वे को हराकर नींव रखी थी। इसके बाद 2015 और 2020 दोनों चुनावों में गायत्री देवी ने पार्टी को जीत दिलाई।

2020 के विधानसभा चुनाव में गायत्री देवी ने 73,420 वोट पाकर राजद प्रत्याशी रितु कुमारी को सिर्फ 1,569 वोटों के मामूली अंतर से हराया था। अब 2025 में गायत्री देवी तीसरी बार मैदान में हैं, लेकिन इस बार सामने रितु जायसवाल जैसी बागी और लोकप्रिय उम्मीदवार हैं, जो बीजेपी और राजद दोनों को चुनौती दे रही हैं।

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