बिहार में वोटिंग से पहले महागठबंधन को दो और एनडीए को एक सीट का नुकसान हो गया है। महागठबंधन के सुगौली से वीआईपी के प्रत्याशी और मोहनियां से आरजेडी कैंडिडेट श्वेता सुमन का तथा मढौरा से लोजपा(आर) की प्रत्याशी सीमा सिंह का नॉमिनेशन कैंसल हो गया।
बिहार विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले ही महागठबंधन का आज (बुधवार) दूसरा विकेट गिर गया। निर्वाचन विभाग ने कैमूर जिले की मोहनियां विधानसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया। इससे पहले पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली सीट से महागठबंधन के घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रत्याशी शशि भूषण सिंह का भी निर्वाचन विभाग ने नामांकन रद्द कर दिया था।
महागठबंधन को बिना लड़े अभी तक दो सीटों का नुकसान हो चुका है। इसी प्रकार एनडीए को भी एक सीट पर नुकसान हो चुका है। सारण जिले की मढ़ौरा सीट से लोजपा (रामविलास) प्रत्याशी सीमा सिंह का निर्वाचन विभाग ने नामांकन रद्द कर दिया था। निर्वाचन विभाग की ओर से आज मोहनियां विधानसभा से तेजस्वी यादव की पार्टी की प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया।
नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के दौरान उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर मंगलवार को बीजेपी ने आपत्ति दर्ज की गई थी। इसके बाद बुधवार को निर्वाचन विभाग ने इसकी जांच करने के बाद श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया। नामांकन खारिज होने के बाद श्वेता सुमन ने बीजेपी पर साजिश का आरोप लगाया है।
बीजेपी ने मंगलवार को पटना में संवादाता सम्मेलन कर श्वेता सुमन का नामांकन रद्द करने की मांग किया था। बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत किया था। भाजपा न्यायिक एवं चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रमुख विध्यांचल राय ने मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि श्वेता सुमन 2020 में भी मोहनियां से विधानसभा का चुनाव लड़ी थी। तब उन्होंने अपनी चुनावी घोषणापत्र में अपना पता उत्तर प्रदेश के चंदौली, सकलडीहा विधानसभा लिखा था। जबकि इस बार उन्होंने नामांकन पत्र में बिहार का पता लिखा है। चुनाव आयोग ने इसको गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करने के बाद बुधवार को श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया।