BJP National President: बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को BJP का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लेकिन उनका यह प्रमोशन अचानक नहीं है, बल्कि BJYM से लेकर राज्य सरकार और राष्ट्रीय संगठन तक उनके लगातार प्रदर्शन, चुनावी जीत और संगठनात्मक भरोसे का नतीजा है।
BJP National President: भारतीय जनता पार्टी ने जब बिहार सरकार में मंत्री और बांकीपुर से पांच बार के विधायक नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी, तो यह फैसला सिर्फ एक प्रमोशन भर नहीं माना गया। पार्टी के भीतर और बाहर यह सवाल उठा कि आखिर नितिन नबीन की ऐसी कौन-सी खासियतें और राजनीतिक उपलब्धियां रहीं, जिनकी बदौलत उन्हें BJP में इतना बड़ा रोल मिला। उनका राजनीतिक सफर बताता है कि यह प्रमोशन अचानक नहीं, बल्कि वर्षों की रणनीतिक मेहनत, संगठनात्मक अनुशासन और ग्राउंड कनेक्ट का नतीजा है।
नितिन नबीन ने अपनी राजनीति की शुरुआत भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) से की। छात्र और युवा राजनीति के दौर में ही उन्होंने संगठन के लिए काम करना सीखा। BJYM में राष्ट्रीय महामंत्री और बाद में बिहार प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम किया। यही वह दौर था, जब पार्टी नेतृत्व ने उन्हें एक अनुशासित, मेहनती और भरोसेमंद संगठनकर्ता के रूप में पहचाना। युवा मोर्चा में काम करते हुए उन्होंने बूथ मैनेजमेंट, सदस्यता अभियान और चुनावी रणनीति जैसे संगठन के मूलभूत कामों में पकड़ बनाई।
संगठन के साथ-साथ नितिन नबीन का चुनावी ट्रैक रिकॉर्ड भी पार्टी के लिए बड़ी ताकत रहा है। नितिन नबीन पहली बार 2006 में पटना पश्चिमी से उपचुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से उन्होंने 2010, 2015, 2020 और 2025 में लगातार जीत दर्ज की। खास बात यह रही कि हर चुनाव में उनका वोट मार्जिन और जनाधार मजबूत होता गया। शहरी मतदाताओं के बीच उनकी पकड़, स्थानीय मुद्दों पर सक्रियता और लगातार क्षेत्र में मौजूदगी ने उन्हें एक भरोसेमंद जनप्रतिनिधि के रूप में स्थापित किया।
बिहार सरकार में नितिन नबीन को एक ऐसे मंत्री के तौर पर जाना जाता है, जो सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं रहते। पथ निर्माण मंत्री रहते हुए उन्होंने सड़क परियोजनाओं को गति दी और समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया। शहरी विकास और आवास विभाग में नगर निकायों के सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे पर काम किया। विधि और न्याय मंत्रालय संभालते हुए उन्होंने प्रशासनिक संतुलन और कानूनी प्रक्रियाओं की समझ का परिचय दिया। पार्टी के भीतर उन्हें एक “वर्किंग मिनिस्टर” माना जाता है, जो फील्ड और सिस्टम दोनों पर पकड़ रखते हैं।
नितिन नबीन के प्रमोशन की सबसे बड़ी वजहों में से एक उनकी राष्ट्रीय स्तर की संगठनात्मक भूमिका रही है। भाजपा ने उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाकर एक कठिन जिम्मेदारी सौंपी थी। कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले इस राज्य में उन्होंने बूथ लेवल मैनेजमेंट, संगठन विस्तार और चुनावी तालमेल पर खास फोकस किया। इसका नतीजा यह रहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी और निर्णायक जीत मिली। इसी प्रदर्शन ने पार्टी नेतृत्व को यह भरोसा दिलाया कि नितिन नबीन संकट के समय संगठन को संभालने और जीत में बदलने की क्षमता रखते हैं।
पार्टी के भीतर नितिन नबीन को एक डिसिप्लिन्ड ऑर्गनाइज़र और स्ट्रॉन्ग स्ट्रैटेजिस्ट के रूप में देखा जाता है। वे आक्रामक राजनीति से ज्यादा संगठनात्मक मजबूती पर भरोसा करते हैं। ग्राउंड कनेक्ट, डाटा-ड्रिवन प्लानिंग और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद, यह उनकी कार्यशैली की पहचान रही है। यही कारण है कि नेतृत्व ने उन्हें राष्ट्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त माना।
नितिन नबीन का संबंध कायस्थ समाज से है, जिसकी आबादी बिहार में भले ही करीब 0.60 प्रतिशत मानी जाती है, लेकिन सामाजिक-प्रशासनिक प्रभाव गहरा रहा है। हालांकि पार्टी के भीतर उनकी पहचान सिर्फ जातीय प्रतिनिधित्व तक सीमित नहीं रही। संगठन और चुनाव दोनों मोर्चों पर उनके प्रदर्शन ने उन्हें एक राष्ट्रीय कद का नेता बनाया।