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5 साल में साइबर सुरक्षा का बजट 3 गुना बढ़ा, फिर भी हर रोज सामने आ रहे 5592 मामले

Cyber Fraud: भारत में साइबर फ्रॉड एक बड़ी चुनौती बनकर सामने उभरी है। सरकार ने साइबर ठगी से निपटने के लिए जमकर पैसा बहाया है, फिर भी देश भर में हर रोज 5592 मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर...

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Sep 15, 2025
सांकेतिक फोटो साइबर क्राइम जेनरेट AI

Cyber Fraud: भारत में डिजिटल क्रांति ने जहां लोगों के जीवन को आसान किया है। वहीं, नए तरह के अपराध की जन्मे हैं। अब अपराधी गिरोह को किसी को तगड़ी चपत लगाने के लिए चोरी या डकैती नहीं करना पड़ रहा। अपराधी गिरोह बैंक अंकाउंट में महफूज रखे रुपयों को सिंगल क्लिक से उड़ा लेते हैं। पिछले पांच साल में भारत में साइबर फ्रॉड के मामले दोगुनी रफ्तार से बढ़े हैं। साल 2020 में साइबर फ्रॉड के कुल 11.58 लाख मामले सामने आए थे, जोकि साल 2025 में बढ़कर 5592 हो गए। देश में हर दिन 5592 साइबर हमलों के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जबकि, वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है।

केंद्र की मोदी सरकार ने साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए जमकर पैसा बहाया है। बीते 5 साल में साइबर सुरक्षा का बजट 3 गुना बढ़ा। वित्तीय वर्ष 2020-2021 में साइबर अपराध रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 293 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया, जो साल 2021-2022 में बढ़कर 411 करोड़ हो गया, 2022-2023 में यह बढ़कर 462 करोड़ रुपए, फिर 2023-2024 में 580 करोड़ और 2024-2025 में यह बढ़कर 1004 करोड़ रुपए हो गया। इस दौरान साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े, साल 2020 से 2025 तक क्रमश: 11.58, 14.02, 13.91,15.92, 20.41 (सभी आंकड़े लाख में हैं) मामले सामने आए।

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आइटी मंत्रालय ने साइबर सेंध पर प्रतिक्रिया देने के लिए भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) को राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में नामित किया है। सर्ट-इन साइबर हमलों के खतरों को कम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों के साथ अलर्ट साझा करता है।

पांच महीनों में 7 हजार करोड़ की चपत

CFSFRMS की रिपोर्ट के मुताबिक साइबर ठगों ने जनवरी में 1,192 करोड़ रुपए, फरवरी में 1951 करोड़ रुपए, मार्च में 1,000 करोड़ रुपए, अप्रैल में 731 करोड़ रुपए और मई में 1999 करोड़ रुपए की चपत लगाई। यह राशि दर्ज शिकायतों के अनुमान पर आधारित है, जबकि नुकसान की राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है।

विदेश से हो रहे साइबर फ्रॉड संचालित

साइबर क्राइम अब झारखंड के जामताड़ा या बिहार नालंदा या नवादा से ही बल्कि विदेशों से संचालित हो रहे हैं। साइबर माफियाओं ने आसियान देशों को अपना ठिकाना बना लिया है। साइबर माफिया लाओस, कंबोडिया, वियतनाम से ऑपरेट कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक यहां कई भारतीयों को फर्जी नौकरी का झांसा देकर बुलाया गया और उसने जबरन ठगी का काम कराया जा रहा है।

दो महीने पहले भारत सरकार की अपील पर कंबोडियाई सरकार ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान साइबर फ्रॉड से जुड़े 3075 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 105 भारतीय भी शामिल थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कंबोडियाई सुरक्षा एजेंसियों को साइबर फ्रॉड सेंटर की गुप्त जानकारी शेयर की थी। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

अपनी पर्सनल डिटेल्स न करें शेयर

साइबर ठग अक्सर लोगों को फंसाने के लिए ईमेल, टेक्स्ट और सोशल मीडिया ऐप के जरिए ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिनमें कुछ घंटे काम करके मोटा रकम कमाया जा सकता है, या फिर ठग बड़े रिटर्न का दावा करके लुभावने इन्वेस्टमेंट स्कीम बताते हैं। अगर आपके पास ऐसे अननॉन नंबर से मैसेज या कॉल आता है तो सतर्क हो जाएं। RBI की गाइडलाइन के अनुसार, अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल को हमेशा प्राइवेट रखें। अनजान व्यक्तियों के साथ, खासकर मैसेजिंग ऐप पर, कभी भी लॉगिन क्रेडेंशियल, पर्सनल डिटेल शेयर न करें।

Published on:
15 Sept 2025 09:03 am
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