Mahadev Betting App Case: ऑनलाइन गेमिंग और गैंबलिंग पर बैन को लेकर संसद में बिल पारित होने के बाद महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की ओर से गैरजमानती वारंट निरस्त करने आवेदन लगाया है।
Mahadev Betting App Case: ऑनलाइन गेमिंग और गैंबलिंग पर बैन को लेकर संसद में बिल पारित होने के बाद महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की ओर से गैरजमानती वारंट निरस्त करने आवेदन लगाया है। साथ ही इसे वापस लेने पर 3 महीने में स्पेशल कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने कहा है। उनके अधिवक्ताओं ने ईडी के विशेष न्यायालय में इसका आवेदन पेश करते हुए उनके पक्षकारों को सुनवाई का मौका देने का अनुरोध किया है। साथ ही जारी किए गए वारंट निरस्त कर तीन महीने की मोहलत मांगी है।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक सौरभ पांडे ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों ने पहले भी समन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया और अदालत के आदेश की अनदेखी की। इससे पहले हाईकोर्ट में भी उनकी याचिका खारिज हो चुकी है। बिना शर्त (अनकंडिशनल) अदालत में पेश होने की बात करते, तो वारंट रद्द करने पर विचार संभव था। लेकिन आज भी उनकी ओर से समय बढ़ाने की शर्त रखी गई है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में ईडी की ओर से बिना किसी शर्त के पेश होने का एक प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन उस समय आरोपियों के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि ईडी उन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछा रही है।
इसी वजह से उन्होंने ईडी के अनकंडीशनल ऑफर को ठुकरा दिया था। ईडी के विशेष न्यायाधीश दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद प्रकरण की सुनवाई 3 नवंबर को करेंगे। बता दें कि महादेव सट्टा ऐप मामले में दोनों आरोपी पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के शिकंजे में हैं। इनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है।
ईडी के अधिवक्ता ने बताया कि बीते दिनों विशेष न्यायालय में दोनों आरोपियों की गैरहाजिरी पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। उस वारंट को रद्द करने के लिए आरोपियों ने हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया था। इसे सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया। इसके बाद आरोपी रवि उप्पल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। यह अब तक लंबित है। वहीं, एक बार फिर नया आवेदन लगाया गया है, जिसमें कहा गया है कि वारंट को निरस्त किया जाए और उन्हें तीन महीने का समय दिया जाए ताकि वे स्वयं अदालत में पेश हो सकें।
बताया जाता है कि महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य से पूछताछ करने के बाद विशेष न्यायधीश की अदालत में शनिवार को पेश किया। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि उनकी पूछताछ पूरी हो गई है। न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे जाने के बाद जांच में मिले इनपुट के संबंध में पूछताछ कर बयान लिया जा चुका है। इसके आधार पर प्रकरण की अग्रिम जांच चल रही है। विशेष न्यायाधीश ने ईडी के अनुरोध पर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
इसकी अवधि पूरी होने पर 6 सितंबर को प्रकरण की अगली सुनवाई होगी। बता दें कि ईडी ने शराब घोटाले की जांच करने के लिए 18 जुलाई को भिलाई में चैतन्य बघेल के निवास पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूछताछ करने रिमांड पर लेने के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
सौरभ चंद्राकर ने दुबई में शादी में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसमें बॉलीवुड के कई स्टार शामिल हुए थे। कहा जाता है कि सौरभ चंद्राकर ने अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को विवाह समारोह के लिए फ्लाइट और दुबई में ठहरने के लिए ऑलीशान होटल लिया था।
यह है सट्टे का मामला
ईडी ने महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को मुख्य आरोपी बनाया है। आरोप है कि दोनों ने अवैध सट्टेबाजी का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। देशभर के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेशों में पैनल ऑपरेटरों के जरिए जाल फैलाकर करोड़ों रुपए अवैध कमाई की गई। ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बार-बार समन भेजने के बाद भी उपस्थिति दर्ज नहीं कराने और सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर विशेष अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
भिलाई के नेहरू नगर में जूस की दुकाने चलाने वाले सौरभ चंद्राकर ने महादेव सट्टा के जरिए 6000 करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए कारोबार किया। उसके पिता नगर निगम में पंप ऑपरेटर थे। इससे पहले वह कपड़े की दुकान में काम करता था। 2019 में वो दुबई गया और अपने एक दोस्त रवि उप्पल के जरिए महादेव एप लांच किया और फिर धीरे-धीरे ऑनलाइन सट्टा बाजार का बड़ा नाम बन गया। महादेव सट्टा ऐप के नाम पर करीब 6000 करोड़ रुपए का अवैध कारोबार किया गया।