Patrika Special News

एक विद्रोह से शुरू हुई महिला विश्व कप, जिसने महिला क्रिकेट की दिशा बदल दी

इंग्लैंड की पूर्व क्रिकेटर राचेल के संघर्ष के बाद 1973 में महिलाओं का क्रिकेट वर्ल्डकप शुरू हुआ था, जिसके 13वें संस्करण की मेजबानी भारत और श्रीलंका मिल कर रहे हैं।

2 min read
Oct 01, 2025
भारतीय महिला क्रिकेट टीम (फोटो- IANS)

आइसीसी महिला वनडे विश्व कप के 13वें संस्करण की मंगलवार से भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में हो गई है। महिला वनडे विश्व कप का इतिहास 52 साल पुराना है और ये टूर्नामेंट पुरुष वनडे विश्व कप से पहले शुरू हो गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस टूर्नामेंट की शुरुआत कैसे हुई थी? इस टूर्नामेंट की शुरुआत भले ही 1973 में हुई लेकिन इसकी नींव एक घटना से पड़ी थी, जो इंग्लैंड की पूर्व दिवंगत महिला क्रिकेटर राचेल हेहो फ्लिंट से जुड़ी है, जिन्हें पहले महिला विश्व कप की शुरुआत का श्रेय जाता है।

ये भी पढ़ें

Women’s World Cup 2025 में टीम इंडिया की जीत के साथ शुरुआत, श्रीलंका को 59 रन से दी मात

चुभ गई ये बात, लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलतीं

11 जून 1939 को जन्मीं राचेल वॉल्वरहैम्प्टन की रहने वाली थीं और उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। वे लडक़ों को क्रिकेट खेलते हुए देखती थीं। एक बार वे बल्ला पकड़े हुए खड़ीं थी, तभी वहां पुलिस आ गई और उन्होंने लडक़ों को डांटते हुए कहा कि यहां क्रिकेट खेलना मना है। पुलिसवालों ने लडक़ों का खेल बंद करा दिया लेकिन वहां खड़ी राचेल से कुछ नहीं रहा। इस पर राचेल ने पुलिस से पूछा कि मैं भी यहां बल्ला लिए खड़ी थीं, फिर मुझे क्यों नहीं डांटा? इस पर पुलिसकर्मी ने मजाक उड़ाने के अंदाज में कहा, लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलतीं? ये बात राचेल को चुभ गई और उन्होंने क्रिकेटर बनने की ठान ली।

जैक हावर्ड के साथ टूर्नामेंट की बनाई योजना

राचेल के मन में महिलाओं के लिए एक विश्व स्तरीय टूर्नामेंट का आयोजन करना था। वे महिला क्रिकेट को ऊंचाइयों पर देखना चाहती थीं लेकिन उनकी राह आसान नहीं थी। ऐसे में उन्हें जैक हेवर्ड नाम के व्यवसायी का साथ मिला, जो क्रिकेट के प्रशंसक थे। राचेल और जैक के सहयोग से 1973 में इंग्लैंड ने पहले महिला विश्व कप की मेजबानी की और यहां से महिला क्रिकेट की एक नई दिशा बदल गई।

शानदार रहा कॅरियर

राचेल ने इंग्लैंड के लिए 1960 से लेकर 1979 तक 22 टेस्ट और 23 वनडे खेले। उन्होंने टेस्ट में तीन शतकों के साथ 1594 और वनडे में एक शतक और चार अर्धशतकों के साथ 643 रन बनाए। और टीम को बनाया विश्व चैंपियन। राचेल ने न सिर्फ विश्व कप शुरू कराने में अहम भूमिका निभाई बल्कि इंग्लैंड को अपनी कप्ताी में पहली बार विश्व चैंपियन भी बनाया।

वूमेंस वर्ल्डकप की रोचक बातें

1973 महिला वर्ल्डकप की मेजबानी इंग्लैंड ने की थी और उसकी कुल दो टीमें खेलने उतरीं। टूर्नामेंट में 21 मैच खेले गए। सात देश इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, जमैका, यंग इंग्लैंड और इंटरनेशनल इलेवन टीम ने भाग लिया। फाइनल में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 92 रन से हराया। ओपनर इनिड बैकवैल ने 118 रन की पारी खेली।

बराबरी के लिए संघर्ष आज तक

महिला क्रिकेट को पहचान तो मिल गई लेकिन बराबरी का दर्जा आज तक नहीं मिला और इसके लिए लगातार संघर्ष जारी है। हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पिछले कुछ सालों में भारतीय महिला क्रिकेटरों को काफी सुविधाएं दी हैं। महिला क्रिकेटरों की न सिर्फ सैलरी बढ़ाई बल्कि उनकी मैच फीस में भी इजाफा किया गया, लेकिन अन्य देशों में महिला क्रिकेटरों को पुरुषों के मुकाबले बहुत कम अहमियत मिलती है।

पुरुषों से ज्यादा इनामी राशि बढ़ाई

आइसीसी ने भारत और श्रीलंका की मेजबानी में खेले जा रहे महिला विश्व कप की इनामी राशि में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। इस टूर्नामेंट की कुल इनामी राशि 123 करोड़ रुपए है। वहीं, चैंपियन बनने वाली टीम को 39.79 करोड़ रुपए मिलेगें, जो पुरुष वनडे विश्व कप 2023 जीतने वाली विजेता टीम से ज्यादा है। 2023 की चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई पुरुष टीम को 35.53 करोड़ रुपए मिले थे।

Updated on:
01 Oct 2025 07:35 am
Published on:
01 Oct 2025 07:34 am
Also Read
View All

अगली खबर