Mahakumbh 2025: महाकुंभ में 10 अलग-अलग देशों से डेलिगेट आए हैं। उन्होंने प्रयागराज का दौरा किया और महाकुंभ भी घुमा। आइये बताते हैं विदेशों से आए इन डेलीगेट्स को महाकुंभ कैसा लगा ?
Mahakumbh 2025: 10 अलग-अलग देशों से प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का दौरा किया। इस ऐतिहासिक और धार्मिक यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने संगम की महत्ता और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को नजदीक से देखा। संगम, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन होता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है।
यूएई की सैली एल अज़ाब ने कहा कि मैं मिडिल ईस्ट से भारत आई हूं। यह एक अद्भुत कार्यक्रम है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। यहां सब कुछ अलग स्तर पर अच्छी तरह से व्यवस्थित है। लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस है। सरकार ने बहुत अच्छा इंतजाम किया है।
गुएना के दिनेश पारसौड ने कहा कि यह एक सपने के सच होने जैसा है। मैं हमेशा यहां आना चाहता था और गंगा नदी में पवित्र स्नान करना चाहता था। मेरी ये इच्छा पूरी हो गई है। मैं यहां आने वाले लोगों को यहां आने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। महाकुंभ में शामिल हो और गंगा में डुबकी लगाए।
प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न देशों के गणमान्य व्यक्ति और सांस्कृतिक विशेषज्ञ शामिल थे। उन्होंने संगम पर होने वाली गतिविधियों और वहां की धार्मिक परंपराओं को समझने की कोशिश की। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल भारतीय संस्कृति और परंपराओं से परिचित होना था, बल्कि विश्व के अन्य हिस्सों में इस सांस्कृतिक धरोहर का प्रचार-प्रसार करना भी था।
यह यात्रा भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। प्रतिनिधिमंडल ने संगम की यात्रा को एक अद्भुत अनुभव बताया और कहा कि भारतीय संस्कृति की गहराई और समृद्धि उन्हें अत्यंत प्रभावित करती है।