CG Dog Bite: रायगढ़ शहर में आवारा श्वान का आतंक बढ़ गया है। इससे बच्चे, महिला, पुरुष व बुजुर्गों का चलना फिरना मुश्किल हो गया है।
CG Dog Bite: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर में आवारा श्वान का आतंक बढ़ गया है। इससे बच्चे, महिला, पुरुष व बुजुर्गों का चलना फिरना मुश्किल हो गया है। औसतन हर दिन श्वान 7 से 8 लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। पिछले तीन माह में करीब 953 लोग डॉग बाइट के शिकार हो चुके हैं। पीड़ितों का जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज अस्पताल में उपचार चल रहा है।
शहर में आवारा श्वान का आतंक लगातार बढ़ रहा है। इनका आतंक ठंड, गर्मी और बरसात सभी मौसम में दिख रहा है। इस वर्ष 2025 में जनवरी से मार्च तक 953 लोग चपेट में आ चुके हैं। इन प्रकरण की बात की जाए तो ज्यादातर लोग पैदल व बाइक से जाते समय श्वानों ने दौड़ाकर काटा है। श्वानों के दौड़ाने का क्रम अमुमन शहर में सुबह-शाम व रात्रि में अधिक नजर आता हैं।
शहर के अधिकांश वार्ड मोहल्ले जैसे रामभांठा, इंदिरा नगर, पंजरी प्लांट, केवडाबाड़ी बस स्टैंड, जूटमिल, चक्रधर नगर, कायाघाट, बेलादुला, टीवी टावर सहित पूरे शहर के मोहल्ले में शाम होते ही इनका आतंक बढ़ जाता है। इससे सफर करना खतरे से खाली नहीं होता। इन दिनों आवारा श्वान झुंड बनाकर लोगों को दौड़ा रहे हैं, जिससे लोग भयभीत होकर कई बार बाइक से गिर जाते हैं तो वहीं बच्चे भाग नहीं पाने के कारण उनका शिकार हो रहे हैं।
आवारा श्वान से बचाव के लिए विगत तीन साल पहले निगम द्वारा योजना बनाई गई थी। इसमें डॉग हाउस का निर्माण होना था, लेकिन यह योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई। साथ ही श्वानों की नसबंदी भी विगत कई सालों से नहीं हो रही है। इससे लगातार इनकी संया बढ़ रही है। इससे हर दिन लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
शहरी क्षेत्र के हर जगह में मांस-मटन की दुकानें खुल चुकी है। इससे सुबह से लेकर रात तक यह श्वान वहां पर जमे रहते हैं। इसके पीछे कारण यह आ रहा है कि व्यवसायी कच्चे-पक्के मांस के टुकडे़ यत्र-तत्र फेंक देते हैं। उसे खाने के लिए श्वान आक्रामक हो जाते हैं। देखा जाए तो जिस क्षेत्र में मांस-मटन की दुकानें संचालित हो रही है, उसी क्षेत्र के लोग ज्यादातर शिकार हो रहे हैं।
शहर के पार्कों व अन्य स्थानों में आवारा श्वान झुंड बनाकर रहते हैं। इससे लोगों को शाम के समय सैर करना भी मुश्किल हो रहा है। देखा जाए तो अब रात के समय पैदल चलने वाले लोग अपने बचाव के लिए डंडे का भी सहारा लेना शुरू कर दिए हैं। हालांकि कई बार इनकी संया अधिक होने के कारण टूट पड़ते हैं, जिससे लोग इनके शिकार हो जा रहे हैं।
शासन से बजट मांगा गया है। डॉग हाउस निर्माण के लिए स्थल निरीक्षण किया जा रहा है। एक स्थान चिन्हांकित किया गया है। वहां अस्थायी निर्माण के लिए टेंडर किया जा चुका है। शासन से बजट आने के बाद अस्थायी को पूर्ण रूप से विकसीत किया जाएगा। -ब्रजेश सिंह क्षत्रिय, आयुक्त, नगर निगम, रायगढ़
माह केजीएच मेकाहारा
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फरवरी 230 80
मार्च 205 56