रायगढ़

CG Elephant Attack: दो दिन में 9 मकानों को हाथियों ने तोड़ा, रात होते ही ग्रामीणों की बढ़ जाती है परेशानी..

CG Elephant Attack: रायगढ़ जिले में विगत दो दिनों से रायगढ़ वन मंडल में विचरण कर रहे अकेला विचरण कर रहा हाथी से ग्रामीणों परेशान है।

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Feb 17, 2025

CG Elephant Attack: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में विगत दो दिनों से रायगढ़ वन मंडल में विचरण कर रहे अकेला विचरण कर रहा हाथी से ग्रामीणों परेशान है। आस-पास के 9 ग्रामीणों को मकान तोड़ते हुए उनके चावल को भी चट कर रहा है, जिससे ग्रामीणों में जानमाल को लेकर दहशत की स्थिति बनी हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर बसे बंगुरसिया गांव के जंगलों में लंबे अर्से से एक जंगली हाथी ने डेरा जमाया हुआ है। जो आए दिन जंगल से निकलकर कभी सड़क में तो कभी धान खरीदी केंद्र तो कभी रिहायशी इलाको में पहुंच जाता है। जिससे अब ग्रामीण जानमाल को लेकर काफी चिंतित है। ऐसे में विगत दो दिनों से यह अकेला गजराज ग्रामीणों को परेशान कर रखा है।

CG Elephant Attack: बंगुरसिया जंगल में एक दल मौजूद

बताया जा रहा है कि दो दिनों में अभी तक 9 ग्रामीणों के कच्चे मकान को नुकसान पहुंचाया है, वहीं बताया जा रहा है कि बीती रात भी यह हाथी जंगल से निकल कर बंगुरसिया बस्ती में पहुंच गया था, जो संतोष विश्वकर्मा के अलावा कमला सिदार के मकान को ढहाते हुए वहां रखे चावल को खाने के साथ-साथ कुछ सामानों को भी नुकसान पहुंचाया है।

इसके साथ ही शुक्रवार को देर रात भी वह हाथी ग्राम भगोरा मतें पहुंचा जहां खाने की तलाश करते हुए नरेंद्र यादव व प्रहलाद भोय के घर को ढहा दिया, इसके अलावा यहां ग्रामीणों के केला फसल को भी बर्बाद कर दिया।हाथी के आने की जानकारी ग्रामीणों को लगी, तो हो-हल्ला कर उसे गांव से खदेड़ा गया। तब यहां से निकलकर हाथी चकाबहाल गांव में पहुंच गया और यहां सुरेन्द्र चौहान, अनिरूद्ध खंडेत, संधर धनवार व सुरूज सिदार के भी कच्चे घर को ढहाते हुए काफी उत्पात मचाया।

घर में रखे चावल भी किए चट

जिससे ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से जब हाथी को भगाया तो वह जंगल के रास्ते से जुनवानी गांव पहुंच गया और रामलाल कुजुर के कच्चे मकान को ढहा दिया, साथ ही पुनीराम धनवार के केला फसल को बर्बाद कर दिया।

इसके बाद रात में हाथी वापस जंगल की ओर चला गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यह अकेला हाथी लंबे समय से इस क्षेत्र में जमा हुआ है, जो बीच-बीच में बस्ती तक पहुंच जाता है, ऐसे में जब तक यह हाथी यहां से नहीं जाएगा, तब तक हादसे का खतरा बना ही रहेगा।

हाथियों के दल पर विभाग रख रहा नजर

वन विभाग के अनुसार इन दिनों रायगढ़ वनमंडल 100 से अधिक हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहा है। हाथियों के इस दल पर वन विभाग के अलावा हाथी मित्र दल के सदस्य लगातार निगरानी कर रहे हैं। साथ ही साथ हाथियाें के मूवमेंट को देखते हुए प्रभावित गांव के ग्रामीणों को सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो सके।

भोजन की तलाश में पहुंच रहे गांव

ग्रामीणों की मानें तो इन दिनों खेती का समय चल रहा है और जंगल में हाथियों के खाने के लिए नहीं मिलने से वह रात के समय बस्ती की तरफ आ जा रहे हैं। जिससे पूरी रात खेत व मकान में रखे चावल को खाने के बाद सुबह होते तक जंगल में चले जाते हैं। ऐसे में अगर इनको भगाया नहीं गया तो लोगों की जान भी जा सकती है। जिसको लेकर अब ग्रामीण फसल की रखवाली के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं।

रायगढ़ वन मंडल के बंगुरसिया जंगल में एक 18 हाथी का दल विचरण कर रहा है, लेकिन यह दल अभी तक बस्ती नहीं पहुंचा है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह दल बस्ती की तरफ आता है तो काफी नुकसान होगा, क्योंकि इन दिनों मक्का, मूंगफली, धान के अलावा केला की खेती हुआ है जिसको नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में इन दिनों ग्रामीण अपनी फसल की रखवाली में लगे हुए हैं। वहीं ग्रामीण बताते है कि हाथी जब झूंड में आते हैं तो उनको भगाना काफी मुश्किल होता है। लोगों के बीच दहशत का माहौल व्याप्त है।

Updated on:
17 Feb 2025 01:27 pm
Published on:
17 Feb 2025 01:26 pm
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