CG Elephant Terror: सूचना मिलते ही गांव के अन्य ग्रामीण व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तब तक हाथी वहां से जा चुका था।
CG Elephant Terror: हाथियों को लेकर क्षेत्र में दहशत बना हुआ है। हालात यह है कि कभी हाथी के हमले से किसी की जान जा रही है तो आए दिन फसलों का नुकसान हो रहा है। इससे क्षेत्रवासी परेशान हैं। पिछले दो माह की स्थिति पर गौर करें तो तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
ताजा मामला खरसिया रेंज का है। कुकरीचोली गांव में रहने वाला 17 वर्षीय बालक लक्ष्मी नारायण पिता अर्जुन डनसेना का सामना बुधवार की सुबह हाथी से हो गया। इस बीच हाथी ने उसकी जान ले ली। हालांकि खरसिया रेंज में हाथियों की आमदरफ्त कम होती है, लेकिन छाल व धरमजयगढ़ हाथियों का स्थायी रहवास क्षेत्र बन चुका है। बीते 19 अप्रैल की सुबह पांच बजे छाल रेंज अंतर्गत ग्राम खर्रा निवासी जनक राम साहू अपने खेता जा रहा था। वह कुछ दूर पहुंचा था कि उसके सामने अचानक हाथी आ गया।
हाथी से बचते हुए वह मौके से भागने का प्रयास करता कि हाथी ने ग्रामीण पर हमला कर दिया। इससे ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ देर बाद ही वहां इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों को मिली और ग्रामीणों ने इसकी सूचना मृतक के परिजन व वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही गांव के अन्य ग्रामीण व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तब तक हाथी वहां से जा चुका था। वहीं इससे पहले 13 अप्रैल को हाथी के हमले से एक महिला की मौत हो गई।
मामला तमनार रेंज का था। तमनार क्षेत्र के झिंगोल निवासी कलावती पति सुखसिंह राठिया उम्र 56 वर्ष जंगल में महुआ बिनने गई थी। वह लौट रही थी तब उसका सामना हाथी से हो गया। वह मौके से भागने का प्रयास करती इससे पहले ही हाथी ने महिला को उठा कर पटक दिया। इससे उसकी मौत हो गई।
हाथियों को लेकर क्षेत्रवासियों में दहशत की स्थिति देखी जा रही है। स्थिति यह है कि शाम होने के बाद हाथी प्रभावित क्षेत्र वाले ग्रामीण अपने घरों में ही कैद हो जाते हैं। वहीं यदि आवश्यक कार्य से गांव से बाहर आना पड़ता है तो टोलियों में आते हैं। गांव के नजदीक हाथी होने की सूचना पर कई बार ग्रामीणों को टोली में रतजगा भी करना पड़ता है, ताकि गांव की ओर हाथी आए तो हो-हल्ला करते हुए उसे भगाया जा सके।
वन विभाग के अधिकारियोें की माने तो वे लगातार हाथियों से छेड़खानी नहीं किए जाने की बात कहते हैं। इसके पीछे कारण हाथियों से यदि किसी प्रकार से छेड़खानी की जाती है तो जनहानि की आशंका भी बढ़ जाती है। ऐसे में वन विभाग के द्वारा हाथियों से छेड़खानी नहीं किए जाने की अपील की जाती है।