Elephant Death: बीती रात तमनार वन परिक्षेत्र से निकल कर हाथियों का दल पानी पीने के लिए तालाब पहुंचा था, जहां गहरे पानी में डूबने से एक हाथी शावक की मौत हो गई है।
CG Elephant Death: बीती रात तमनार वन परिक्षेत्र से निकल कर हाथियों का दल पानी पीने के लिए तालाब पहुंचा था, जहां गहरे पानी में डूबने से एक हाथी शावक की मौत हो गई है। घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम जांच में जुट गई है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, विगत 15 दिनों से रायगढ़ वन मंडल में एक 34 हाथियों का दल भ्रमण कर रहा है, जो जंगल से निकल कर कभी सड़क पर आ जाते हैं तो कभी किसानों के फसल को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। ऐसे में मंगलवार हाथियों का दल तमनार वन परिक्षेत्र में भ्रमण कर रहा था, सुबह करीब 4 बजे यह दल जंगल से निकलकर ग्राम गौरमुड़ी गांव के तालाब में पानी पीने पहुंचा था, जिससे इस दल में 8 नर, 18 मादा के अलावा 8 शावक शामिल थे।
इसी बीच पानी पीने के दौरान एक हाथी शावक गहरे पानी में चला गया, जिससे उसकी डूबने से मौत हो गई। वहीं दोपहर में जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को लगी तो इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथी शवक के शव को पानी से बाहर निकाला गया और उसका पोस्टमार्टम कराया गया। वनकर्मियों के अनुसार उक्त मृत हाथी शावक की उम्र करीब एक साल है, ऐसे में वह पानी में खेलने के दौरान फिसल गया होगा। अब पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा।
जानकारी के अनुसार, इन दिनों जिले के जंगलों में पहले की अपेक्षा हाथियों की संख्या में कुछ कमी है, जिसमें इन दिनों धरमजयगढ़ वन मंडल में करीब 30 हाथी विचरण कर रहे हैं। 16 नर, 9 मादा और 5 शावक शामिल हैं। रायगढ़ वन मंडल में 38 हाथी है, जिसमें 12 नर, 19 मादा और 7 शावक है, जो अलग-अलग विचरण कर रहे हैं। इन हाथियों के दल में तीन हाथी घरघोड़ा के छर्राटांगर क्षेत्र में हैं तो दो पणिगांव के जंगल में भ्रमण कर रहे हैं।
फसल को नुकसान पहुंचा रहे हाथी
विगत 15 दिनों से 38 हाथियों का दल रायगढ़ वन मंडल के अलग रेंज में अलग-अलग झुंड में भ्रमण कर रहे हैं, जो रात होते ही जंगल से निकल कर कभी सड़क पर तो कभी खेतों में पहुंच रहे हैं। इससे बीती रात लाखा व देलारी गांव में भी कुछ हाथी पहुंचे थे जो पांच किसानों के फसल को नुकसान पहुंचाया है। वहीं किसानों का कहना है कि अब धान फसल लगभग तैयार हो गया है, ऐसे में हाथी जब खेतों में पहुंच रहे हैं तो खाने के बजाय पैरों तले फसल को इस कदर रौंद देते हैं कि उसे समेटना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में अब इन हाथियों के चलते लगातार नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।