Naxalites surrender: सुकमा और मलकानगिरी सीमा पर सक्रिय 22 नक्सलियों ने हथियार छोड़कर उड़ीसा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
Naxalites surrender: छत्तीसगढ़ और ओडिशा में एक्टिव नक्सली संगठनों को एक और बड़ा झटका लगा है। छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा इलाके में लंबे समय से एक्टिव 22 नक्सलियों ने हथियार डालने और मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इन सभी ने ओडिशा के पुलिस महानिदेशक के सामने सरेंडर कर दिया। यह सामूहिक सरेंडर ओडिशा के मलकानगिरी जिला मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुआ।
सरेंडर सेरेमनी में ओडिशा पुलिस के कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर करने वाले माओवादी लंबे समय से छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों में एक्टिव थे, और कई माओवादी गतिविधियों में शामिल थे।
पुलिस के मुताबिक, इन माओवादियों के सरेंडर से सीमावर्ती इलाके में माओवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लगातार चलाए जा रहे माओवाद विरोधी अभियान, बेहतर इंटेलिजेंस इकट्ठा करना और सरकार की पुनर्वास और सरेंडर नीति माओवादी संगठन को कमज़ोर कर रही है।
Naxalites surrender: अधिकारियों ने कहा कि सरेंडर करने वाले माओवादियों को राज्य सरकार की पॉलिसी के तहत सुरक्षा, पुनर्वास और रोज़गार के मौके दिए जाएंगे, ताकि वे सामान्य ज़िंदगी जी सकें और समाज की मुख्यधारा में वापस लौट सकें। पुलिस महानिदेशक ने इस मौके पर कहा कि सरकार का मकसद हिंसा का रास्ता छोड़ने वालों को एक नया मौका देना है।
उन्होंने दूसरे माओवादियों से भी हथियार डालने और लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण रास्ता अपनाने की अपील की। सुरक्षा बलों ने कहा कि इलाके में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए आने वाले दिनों में सीमावर्ती इलाकों में माओवाद विरोधी अभियान तेज़ किए जाएंगे।