Ayushman Bharat Scam: छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा अधिक शुल्क वसूलने का मामला सामने आया है।
Ayushman Bharat Scam: प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य के तहत अनुबंधित निजी अस्पतालों में मरीजों का योजना के तहत इलाज किया जा सकता है, लेकिन अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्डधारकों से इलाज के समय अधिक राशि वसूल की गई है। शिकायत के बाद किसी का पंजीयन निरस्त किया गया, तो किसी अस्पताल ने मरीजों को राशि वापस कर दी। कुछ को चेतावनी पत्र जारी किया गया।
फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग को आयुष्मान कार्डधारकों से 32 निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से अधिक राशि वसूली की शिकायत मिली है। इसमें दो का पंजीयन निरस्त किया, तो चार ने राशि वापस की है। यह जवाब स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने पिछले दिनों विधानसभा में शीतकालीन सत्र में विधायक अंबिका मरकाम के प्रश्न के जवाब में दिए हैं।
बता दें कि विधायक मरकाम ने मंत्री से पूछा था कि प्रदेश के कितनी निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से अधिक शुल्क वसलने और अन्य तरह की अनियमितताओं की शिकायतें एक साल में मिली हैं और क्या कार्रवाई हुई है?
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने जवाब में बताया कि प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना अंतर्गत एक वर्ष में कुल 47 निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। इसमें 32 अस्पतालों के खिलाफ मरीजों से अधिक राशि वसूलने और अन्य तरह की अनियमितताओं की 47 शिकायतें मिली हैं।
इसमें दो शिकायतों में पंजीयन निरस्त, दो में तीन माह के लिए निलंबन, 4 शिकायतों में राशि वापसी, तीन में चेतावनी पत्र, दो शिकायत वापस ली गई, एक शिकायत में उपचार जारी करने के लिए पत्र जारी किया गया, वहीं, 11 शिकायतें सही नहीं पाई। जबकि 22 शिकायतें सीएमएचओ से जांच रिपोर्ट लंबित हैं।
मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि योजना में अतिरिक्त राशि लिए जाने का प्रावधान नहीं है। जो पैकेज निर्धारित है, उसी में इलाज करना होता है। योजना अंतर्गत अस्पतालों में उपचार की दर, शुल्क सूची, योजना की पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। योजना में पंजीकृत अस्पतालों में आयुष्मान हेल्पडेस्क में उपचार पैकेज दर सूची उपलब्ध होती है।
Ayushman Bharat Scam: यह भारत सरकार की एक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो गरीब और कमजोर परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक का कैशलेस और पेपरलेस इलाज प्रदान करती है। इसमें परिवार के आकार या सदस्य की उम्र की कोई सीमा नहीं होती और सभी पूर्व-मौजूदा बीमारियां भी कवर होती हैं।