Agri Stack Portal: रायपुर में धान खरीदी को लेकर किसान चिंता में फंसे हैं, क्योकि 17 नवंबर से सरकार ने धान खरीदी करने की घोषणा कर दी है।
Agri Stack Portal: छत्तीसगढ़ के रायपुर में धान खरीदी को लेकर किसान चिंता में फंसे हैं, क्योकि 17 नवंबर से सरकार ने धान खरीदी करने की घोषणा कर दी है। जबकि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेशभर से हजारों की संया में किसानों का अबतक एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन नहीं हुआ है।
इनमें जो नाबालिग जो बालिग हो चुके हैं, उनको बालिग बताने कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं तो किसी किसान के पास मोबाइल नहीं, सर्वर की समस्या, कभी ओटीपी नहीं पहुंच रहा है। इस तरह की तमाम समस्या किसानों के सामने आ गई है। वहीं सरकार ने खरीदी के लिए पहले 15 नवंबर से करने की घोषणा की थीं, लेकिन छुट्टी का दिन पड़ने के कारण तिथि में परिवर्तन कर दिया गया। जो कि 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक खरीदी की जाएगी।
किसानों फसल के लिए काफी संकट झेलना पड़ रहा है। पहले तो किसानों को खाद बीज के संकट के लिए जूझना पड़ा। डीएपी खाद नहीं मिल पाया तो मजबूरन किसानों को निजी खाद दुकानों में 1300 का खाद 2000 तक में खरीदना पड़ा। इससे किसान उभरे नहीं थे, कि खेतों में कीट से भारी नुकसान किसानों को हुआ।
नकली दवाई के कारण कीट प्रकोप पर नियंत्रण भी नहीं हो पाया। इसके बाद भारी बारिश से किसान अलग परेशान हुए, इन सभी समस्या के बावजूद धान तैयार हुआ तो एग्री स्टैक पोर्टल समस्या में पंजीयन में समस्या से जूझना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में 25 लाख से अधिक किसान है। इनका 3100 रुपए प्रति क्विंटल कि दर से खरीदी की जाएगी। वहीं एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत किसानों की संया 24,00,221, एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीकृत किसान 23,64,196 संया है, इसमें 36,025 पंजीकृत किसान जो एग्री स्टैक पोर्टल में अब भी नहीं है।
किसान अविनाश साहू ने बताया कि बहुत से किसानों को अब बी इस पोर्टल में पंजीयन कराने की जानकारी नहीं है। साथ ही ऐसे भी किसान है जिनके पास मोबाइल नहीं हैं जो कि परिचित के मोबाइल नंबर डालकर पंजीयन करा रहे है, लेकिन किसी कारणवश फार्म रिजेक्ट हो जाता है, तो मैसेज से जानकारी मिलती है। लेकिन किसानों को इसके बारे में पता नहीं है। वहीं संयुक्त खाता, ओटीपी, सर्वर समेत अन्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
प्रदेश में डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर रकबे का सर्वे कराया गया है। प्रदेश के 20 हजार गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे व मैन्युअल गिरदावरी के डेटा का ग्रामसभा में पठन-पाठन भी कराया जा रहा है।