CG Medical College: रायपुर प्रदेश में कवर्धा, मनेंद्रगढ़, जांजगीर-चांपा व गीदम में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। ये कॉलेज अगले साल शुरू होने की संभावना है। प्रत्येक कॉलेज में एमबीबीएस की 50-50 सीटें होंगी।
CG Medical College: छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश में कवर्धा, मनेंद्रगढ़, जांजगीर-चांपा व गीदम में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। ये कॉलेज अगले साल शुरू होने की संभावना है। प्रत्येक कॉलेज में एमबीबीएस की 50-50 सीटें होंगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी व जरूरी सुविधाओं को अंतिम रूप देने के लिए 4 सदस्यीय टीम का गठन पहले ही कर दिया है। वहीं सीजीएमएससी ने नई बिल्डिंग के लिए ई-टेंडर भी जारी कर दिया है। टेंडर लेने वाली एजेंसी को दो साल में बिल्डिंग बनानी होगी।
CG Medical College: बिल्डिंग की प्लानिंग, डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग व निर्माण कार्य के लिए 1020.60 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। 11 अक्टूबर से बिड डाक्यूमेंट ऑनलाइन उपलब्ध होंगे तथा इन्हें जमा करने की अंतिम तारीख 7 नवंबर होगी। चारों जगहों पर बिल्डिंग के लिए जमीन फाइनल कर ली गई है। वहीं, जशपुर में नया मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। ये मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का गृह जिला है। राज्य बजट में कुनकुरी में 220 बेड के अस्पताल की घोषणा को नए मेडिकल कॉलेज से जोड़कर देखा जा रहा है।
एमबीबीएस की 50 सीटों के लिए 220 बेड का अस्पताल चाहिए। बाकी चारों स्थानों पर भी जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया जाएगा। जब मेडिकल कॉलेज शुरू होता है, तब जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध किया जाता है।
हमारी पहली प्राथमिकता प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का इजाफा करना है ताकि युवाओं के साथ ही प्रत्येक वर्ग के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। यही नहीं स्थानीय लोगों को इलाज के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध हो सके। साथ ही मेडिकल टीचिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज उपलब्ध हो सके।
एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने में 600 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होता है। कोरबा, कांकेर व महासमुंद जैसे नए मेडिकल कॉलेज केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत बनने जा रहे हैं। ये कॉलेज शुरू तो हो गए हैं, लेकिन नई बिल्डिंग नहीं बनी है। इस योजना के तहत 60 फीसदी फंड केंद्र सरकार व बाकी राज्य सरकार देती है। विशेषज्ञों के अनुसार चारों कॉलेजों के लिए फैकल्टी उपलब्ध कराना किसी चुनौती से कम नहीं है। सबसे पहले कॉलेजों के लिए डीन बनाने होंगे। फिर फैकल्टी की व्यवस्था की जाएगी। तभी कॉलेजों को एनएमसी से मान्यता मिल सकेगी।
विभाग बेड
जनरल मेडिसिन 50
जनरल सर्जरी 50
पीडियाट्रिक 25
ऑर्थोपीडिक्स 20
ऑब्स एंड गायनी 25
आईसीयू 20
ऑप्थेलमोलॉजी 10
ईएनटी 10
स्किन 05
साइकेट्री 05
कुल 220 बेड