CG Naxal: सोशल मीडिया में सरिता का वीडियो सामने आया है। इसमें सरिता ने बताया कि वह कैसे नक्सली मुठभेड़ में पुलिस को चकमा देते है और बाद म जवानों पर ही झूठे इल्जाम लगते है।
CG Naxal: नक्सलियों द्वारा फर्जी मुठभेड़ के प्रोपेगेंडा पर लगातार खुलासे हो रहे हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई महिला नक्सली सरिता ककेम ने खुलासा किया है कि वो सिविल कपड़ों में रहकर नक्सलियों के लिए काम करती थीं। सोशल मीडिया में सरिता का वीडियो सामने आया है। इसमें सरिता ने बताया कि वह बीजापुर जिले के भैरमगढ़ के ग्राम तड़केल की रहने वाली है।
वह 2007 में दलम में भर्ती हुई थी और गिरफ्तार होने तक कंपनी नंबर 2 में काम कर रही थीं। जब 10 मई को पुलिस ने सूचना पर नक्सलियों को घेर कर फायरिंग की तब कई नक्सली जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे, पर वो दौड़ नहीं सकी। सरिता ने बताया कि उसके पास एके-47 रायफल थी, इसको उसने एक जगह छुपा कर रखा था। मैं गांव की महिलाओं के साथ सिविल कपड़ों में ही थी, लेकिन मैं पुलिस से बच नहीं सकी और पुलिस ने रायफल समेत मुझे गिरफ्तार कर लिया।
नक्सलियों के अफवाह पर सरकारी अफसरों का कहना है कि मुठभेड़ (CG naxal encounter) स्थल से तेंदूपत्ता तोड़ाई की जगह करीब 20 किलोमीटर दूर है। लगातार मुठभेड़ में मारे जाने से नक्सलियों के हौसले पस्त हुए हैं। यही वजह है कि हर मुठभेड़ में प्रोपेगैंडा फैलाते हैं। गिरफ्तार महिला नक्सली के खुलासे से साफ है कि नक्सली साजिश के तहत कुछ सदस्यों को सिविल ड्रेस में रखते हैं, ताकि पुलिस को चकमा दिया जा सके और गिरफ्तारी के वक्त आरोप लगा सकें।
अबूझमाड़ इलाके में नक्सलियों को बैक फुट धकेलना के लिए पुलिस ने कारगर कदम उठाया है। इसमें पुलिस ने जिला मुयालय से करीब 35 किलोमीटर दूर मोहन्दी में नारायणपुर पुलिस एवं आइटीबीपी 53 वी वाहिनी के द्वारा नवीन कैंप खोला गया है। कोहकामेटा थाना क्षेत्र के मोहन्दी में नवीन कैंप स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। मोहन्दी में नवीन कैंप स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन (CG naxal eradication) अभियान में तेजी आएगी।
नक्सलियों का खात्मा (Operation Surya Kiran CG Naxal News) करने जवानों ने कार्रवाई तेज कर दी है। एक तरफ जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते है उनके लिए पुलिस अधिकारी बस्तर के इलाकों में जा-जाकर अभियान चला रहे है। पुलिस द्वारा अभियान चलाने से नक्सली प्रेरित होकर आत्मसमर्पण कर रहे है। वहीं कुछ आतंकी जंगलों में छिपकर उत्पात मचा रहे है। इन आतंकियों के लिए जवान घने जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे है। बता दें कि 100 दिनों में जवानों ने मुठभेड़ में 105 आतंकियों को मार गिराया है।
बीते चार महीने में फोर्स ने अलग-अलग मुठभेड़ में 91 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जो यह बताता है कि फोर्स अब बस्तर में गियर बदल चुकी है। पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। बीते अप्रैल के महीने में ही 50 नक्सली मारे गए हैं।
समूचे बस्तर में फोर्स के जवानों का मनोबल भी इस वक्त काफी ऊंचा है। कांकेर जिले के माड़ इलाके में बीते महीने 16 तारीख को हुई मुठभेड़ में जवानों ने 29 नक्सलियों को जब मार गिराया तो इसे फोर्स की सबसे बड़ी सफलता बताया गया। नारायणपुर जिले में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में भी जवानों ने बेहद सुनियोजित तरीके से 10 नक्सलियों को मारा।
बीते चार महीने में फोर्स ने अलग-अलग मुठभेड़ में 91 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जो यह बताता है कि फोर्स अब बस्तर में गियर बदल चुकी है। पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। बीते अप्रैल के महीने में ही 50 नक्सली मारे गए हैं।