CG News: फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉक्टर पोस्टमार्टम करते हैं। रोजाना 15 से 20 पोस्टमार्टम किया जा रहा है। चूंकि पीजी छात्र पहले से एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके होते हैं।
CG News: पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में पीजी के एक छात्र के लिए सिम्स बिलासपुर से गाइड बुलाना पड़ा है। दरअसल, विभाग में एमडी की 5 सीटें हैं, जिनमें 2023 में 4 सीटों पर एडमिशन हुआ है। विभाग में एक ही एसोसिएट प्रोफेसर है, जो केवल तीन छात्रों के लिए गाइड बन सकता है।
एक छात्र के लिए गाइड की कमी होने पर हैल्थ साइंस विवि को पत्र लिखकर गाइड की मांग की गई थी। तब सिम्स से डॉ. अशोक कुमार को यहां भेजा गया है। फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में 2023 में एमडी की 5 सीटों को मान्यता मिली थी। पहली बार में ही 4 छात्रों ने प्रवेश भी ले लिया। अब गाइड नहीं होने से पीजी सीट पर खतरा हो गया है।
दरअसल, एक प्रोफेसर तीन छात्रों का गाइड बन सकता है। तीन साल पहले रिटायर्ड डीएमई व फॉरेंसिक के सीनियर प्रोफेसर डॉ. आरके सिंह को संविदा में ज्वॉइन करवाया गया। जब पीजी कोर्स को मान्यता मिल गई तो उनका एक्सटेंशन नहीं किया गया। इसलिए गाइड की कमी हो गई है।
वे दूसरे स्टेट में फैकल्टी के बतौर सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान में डॉ. स्निग्धा जैन एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वे प्रोफेसर बनने के लिए पात्र भी हैं, लेकिन शासन ने अभी किसी फैकल्टी का प्रमोशन नहीं किया है। विभाग में एक असिस्टेंट प्रोफेसर भी है, जो नया है और गाइड बनने के लिए अपात्र है। इसलिए कॉलेज प्रबंधन ने विवि को पत्र लिखकर गाइड की मांग की थी।
CG News: फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉक्टर पोस्टमार्टम करते हैं। रोजाना 15 से 20 पोस्टमार्टम किया जा रहा है। चूंकि पीजी छात्र पहले से एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके होते हैं, इसलिए वे भी पीएम में मदद करते हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पीएम हो इसके लिए विभाग में पीजी छात्रों की जरूरत रहती है। बिना गाइड के छात्र की पढ़ाई नहीं हो सकती। गाइड के मार्गदर्शन में छात्र थीसिस पूरा करते हैं।