CG School Teacher: डीएलएड के मामले में तो यह स्पष्ट है कि अब बिना इसके प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति संभव नहीं है। इससे कोर्स की प्रासंगिकता बढ़ी है।
CG School Teacher: राज्य में शिक्षक बनने की राह पर युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राथमिक स्कूलों में डीएलएड को अनिवार्य करने और राज्य सरकार की प्रस्तावित शिक्षक भर्तियों के मद्देनज़र इस वर्ष डीएलएड में रेकॉर्ड आवेदन सामने आए हैं। कुल 6610 डीएलएड सीटों के लिए 61,601 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, लेकिन बीएड पाठ्यक्रम में पिछले साल की तुलना में इस साल आवेदनों की संया में कमी आई है।
प्रदेश की 14,500 बीएड सीटों के लिए कुल 24,501 आवेदन प्राप्त हुए हैं। वहीं, पहली बार शुरू हुए इंटीग्रेटेड बीए-बीएड व बीएससी-बीएड जैसे चार वर्षीय शिक्षक प्रशिक्षण कोर्सों में भी छात्रों ने रुचि दिखाई है। इन कोर्सों की 250 सीटों के लिए कुल 1,184 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। एक्सपर्ट का कहना है कि शिक्षकों की संभावित भर्ती प्रक्रिया और न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों ने अभ्यर्थियों को एक बार फिर शिक्षक प्रशिक्षण की ओर आकर्षित किया है।
डीएलएड के मामले में तो यह स्पष्ट है कि अब बिना इसके प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति संभव नहीं है। इससे कोर्स की प्रासंगिकता बढ़ी है। राज्य में बीएड, डीएलएड, बीएबीएड, बीएबीएससी में प्रवेेश की प्रक्रिया जारी है। पहले राउंड की काउंसलिंग के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया समाप्त हो गई है और सीटों की आवंटन सूची कल जारी की जाएगी, जिसमें अभ्यर्थियों को 15 सितंबर तक प्रवेश लेना होगा।
रिक्त सीटों की जानकारी 16 सितंबर को जारी की जाएगी। उसके बाद द्वितीय सूची 18 सितंबर को जारी की जाएगी। जिसमें 22 सितंबर तक प्रवेश लेना होगा। 23 को रिक्त सीटों की जानकारी दी जाएगी। फिर तीसरी सूची 25 सितंबर को जारी की जाएगी। जिसमें प्रवेश 29 सितंबर तक लेना होगा। रिक्त सीटों की जानकारी 30 सितंबर को जारी की जाएगी। सूची जारी होने के पहले दावा आपत्ति भी मंगवाई जाएगी। इसके साथ ही दूसरे चरण की काउंसलिंग 1 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। वही यदि यदि दो चरणों के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं तो तीसरे चरण की जानकारी एससीईआरटी द्वारा दी जाएगी।
रिक्त रह जाएंगी बीएड की सीटें
एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल उनएडेड कॉलेजेस ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि इस डीएलएड का रुझान बढ़ने के साथ ही बीएड के रुझान में कमी आई है। पिछले साल बीएड के लिए 60 हजार आवेदन आए थे। इस साल जो 24501 तह गए है। ऐसे में यही उमीद लगाई जा रही है कि बीएड की लगभग 2 हजार सीटें खाली रह जाएगी। स्कूलों में युक्तियुक्त के कारण शिक्षकों की संया कम हुई है। साथ ही बीएड करने वालों केवल व्यायाता बनने का ही ऑप्शन रह गया है। जिसके कारण काउंसलिंग में आवेदन कम हो गए है।