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CG News: EWS Certificate का बड़ा फर्जीवाड़ा, एमडी-एमएस में प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू, पर रिपोर्ट अधूरी

CG News: सिम्स में एमबीबीएस छात्रा का सर्टिफिकेट फर्जी निकला है। उनके सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर व सील अलग-अलग पाया गया है।

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9 माह में ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को बताया वैध (Photo source- Patrika)

9 माह में ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को बताया वैध (Photo source- Patrika)

CG News: नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमडी की पढ़ाई कर रही एक छात्रा के ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की रिपोर्ट आ गई है। तहसीलदार ने सर्टिफिकेट को वैध बताया है, लेकिन ये नहीं बताया कि छात्रा ईडब्ल्यूएस के लिए पात्र है या नहीं। दरअसल जिनकी आय 8 लाख रुपए से कम हो, वह गरीब सवर्ण श्रेणी में आता है।

CG News: छात्रों की नहीं आई रिपोर्ट

प्रदेश में कई करोड़पति गरीब सवर्ण का सर्टिफिकेट बनाकर एमडी-एमएस की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों ने पिछले साल इसकी शिकायत पीएमओ में की थी। वहां से पत्र आने के बाद ही मामले की जांच कराई जा रही है, लेकिन जांच की गति इतनी धीमी है कि इस माह एमडी-एमएस में प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू होने वाली है। इसके बाद भी सभी छात्रों की रिपोर्ट नहीं आया है।

नेहरू मेडिकल कॉलेज व सिम्स बिलासपुर में पिछले साल ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के भरोसे सात छात्रों को रेडियोलॉजी, मेडिसिन, पीडियाट्रिक व ऑब्स एंड गायनी जैसी महत्वपूर्ण सीटें मिल गई थी। डीन ने पिछले साल 4 दिसंबर को रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग व अंबिकापुर कलेक्टर को पत्र लिखकर मोस्ट अर्जेंट केस बताते हुए सर्टिफिकेट की जांच करने को कहा था।

सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया

CG News: विशेषज्ञों का कहना है कि आय की जांच होने पर ही सर्टिफिकेट की वास्तविक स्थिति के बारे में पता चल सकता है। जांच में सर्टिफिकेट सक्षम अधिकारी ने जारी किया है या नहीं, यही देखा जाएगा। दरअसल तहसीलदारों को ये तो नहीं कहा गया था कि छात्रों की आय 8 लाख रुपए से कम है या नहीं, इसकी जांच करें। वे केवल सर्टिफिकेट की वैधता यानी कार्यालय से जारी हुआ है या नहीं, ये बता सकते हैं।

सिम्स में एमबीबीएस छात्रा का सर्टिफिकेट फर्जी निकला है। उनके सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर व सील अलग-अलग पाया गया है। तहसील कार्यालय ने भी कह दिया है कि यह सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है।