रायपुर

साइबर ठगी के करोड़ों रुपए बैंकों में होल्ड, पीड़ितों को नहीं मिल पा रही है रकम..

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: रायपुर में साइबर ठगी के शिकार लोगों के करोड़ों रुपए बैंकों में होल्ड हो गए हैं। पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर जेल भी भेज दिया, लेकिन होल्ड हुई ठगी की राशि पीड़ितों को वापस नहीं मिल पा रही है।

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Mar 17, 2025

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: छत्तीसगढ़ के रायपुर में साइबर ठगी के शिकार लोगों के करोड़ों रुपए बैंकों में होल्ड हो गए हैं। पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर जेल भी भेज दिया, लेकिन होल्ड हुई ठगी की राशि पीड़ितों को वापस नहीं मिल पा रही है। पिछले साल भर में पुलिस ने साइबर ठगी के अलग-अलग मामलों में 10 करोड़ से अधिक राशि होल्ड कराया है।

Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: एक साल में 10 करोड़ से ज्यादा राशि होल्ड

यह राशि उन्हीं बैंक खातों में रखा हुआ है, ये ठगी के पीड़ितों को भी वापस नहीं किया जा सका है। इससे पीड़ितों को राहत नहीं मिल पाई है। पुलिस ने कई साइबर ठगों को पकड़ा है, लेकिन पीड़ितों को पैसा वापस नहीं होने से ठगों की गिरफ्तारी से कोई उन्हें कोई फायदा नहीं हो हुआ है।

रायपुर पुलिस ने वर्ष 2024 में अलग-अलग थानों में दर्ज साइबर ठगी के मामलों में 10 करोड़ से अधिक होल्ड कराया है। इस होल्ड राशि में से एक मामले में 10 लाख और 49 अन्य मामलों में कुल 19 लाख 13 हजार 405 रुपए ही पीड़ितों को वापस किया जा सका है। बाकी की राशि को वापस नहीं कराया जा सका है।

अब तक नहीं बन पाया समन्वय

होल्ड राशि को वापस कराने के लिए करीब दो साल पहले पुलिस की ओर से विशेष पहल करने का दावा किया गया था। यह दावा आज तक पूरा नहीं हो पाया है। कई पीड़ितों को अपनी रकम वापस पाने के लिए थानों से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

ठगी का पैसा रिफंड करने के न्यायालय से आदेश कराना होता है। ऐसे मामलों में पीड़ित की ओर से कोर्ट में आवेदन लगाना होता है। मामले की सुनवाई होती है। इसके बाद कोर्ट के आदेश से बैंक वाले होल्ड रकम वापस करते हैं। हालांकि इसमें भी फैसले अधिक दिनों में आ रहे हैं।

साइबर ठगी के 14 हजार से ज्यादा मामले

रायपुर जिले में पिछले साल साइबर ठगी के 14 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। इनमें साइबर सेल और अलग-अलग थानों में साइबर ठगी के 7416 और एनसीसीआर पोर्टल पर 7416 मामले सामने आए हैं। इस तरह कुल 14 हजार 832 दर्ज हुए हैं। इनमें से अधिक मामलों के आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं।

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