
ई-चालान के नाम पर साइबर अटैक (photo source- Patrika)
Cyber Fraud: साइबर ठग हर वो तरीका अपना रहे हैं, जिससे आम आदमी को झांसा देकर उसके खून-पसीने की कमाई हड़प सके। अब एपीके फाइल वाले फर्जी ई-चालान भेजकर लोगों को ठगा जा रहा है। गंज इलाके में साइबर ठगों ने फिङ्क्षशग टूल का इस्तेमाल करते हुए एक कारोबारी को एपीके फाइल वाला फर्जी ई-चालान वॉट्सऐप किया। इससे उसके मोबाइल को हैक किया।
फिर उनके बैंक खाते से करीब 5 लाख रुपए पार कर दिए। इसके बाद उन्हीं के मोबाइल से उनके परिचित के दूसरे कारोबारी को एपीके फाइल वाला ई-चालान भेज दिया। उस कारोबारी ने भी असली ई-चालान समझकर ओपन किया। इससे उसका मोबाइल भी हैक हो गया। फिर उनके बैंक खाते से साइबर ठग ने 10 लाख रुपए पार कर दिए। इसकी जानकारी होने पर पीडि़त कारोबारी ने गंज थाने में शिकायत की है। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक फाफाडीह निवासी पंकज पटेल स्वीच गेयर का कारोबार है। उनके मोबाइल में 18 दिसंबर को वॉट््सऐप में आरटीओ ई-चालान एपीके के नाम से मैसेज आया। यह मैसेज रमेश गति ट्रांसपोर्ट द्वारा भेजा गया था। इस फाइल को पंकज ने अगले दिन ओपन किया। इसके बाद ध्यान नहीं दिया। इसके तीन दिन बाद उनके एचडीएफसी बैंक खाते दो बार में 10 लाख रुपए निकल गए।
साइबर ठगों ने एपीके फाइल वाला ई-चालान भेजकर उनके मोबाइल को हैक कर लिया। इसके बाद उनके खाते से रकम को आईएमपीएस के माध्यम से दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। इसकी जानकारी होने पर कारोबारी ने गंज थाने में शिकायत की। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
Cyber Fraud: परिवहन विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए मैसेज ङ्क्षलक (जिसमें apk फाइल/किसी व्यक्तिगत नंबर से भेजे गए मैसेज ङ्क्षलक जैसे httpsÑ// lnk. ink/ dgegw पर क्लिक न करें। विभागीय वेबसाइट httpsÑ// echallan. parivahan. gov. in पर जाकर ई-चालान के पेज पर Pay Online पर क्लिक कर चालान नंबर और कैप्चा कोड डालकर GET DETAIL पर क्लिक करें।
फिर मोबाइल ओटीपी डालकर चालान विवरण संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पुलिस और परिवहन के प्रवर्तन अमले द्वारा जब भी e- Challan किया जाता है। पंजीकृत मोबाइल में संबंधित को टेक्स्ट मैसेज अधिकारिक वेबसाइट httpsÑ// echallan. parivahan. gov. in के माध्यम से ही भेजे जाते हैं।
एपीके फाइल का इस्तेमाल आजकर साइबर ठगी के लिए ज्यादा किया जा रहा है। एपीके(एंड्रॉइड पैकेज किट) यह एंड्रायड ओएस पर ऐप को इंस्टाल करने के लिए इस्तेमाल होता है। लेकिन साइबर ठग फिशिंग के लिए इसी फार्मेट में लिंक भेज रहे हैं। यह वाट़सऐप या अनजान वेबसाइटों से डाउनलोड करने से खतरनाक हो सकता है। इसमें मैलवेयर, वायरस या स्पाइवेयर हो सकते हैं, जो आपका डेटा चुरा सकते हैं। बैंक खातों को खाली कर सकते हैं या आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इनसे बचना चाहिए।
ऑनलाइन ठगी की शिकार होने के बाद पंकज ने गति ट्रांसपोर्ट वाले रमेश से बात की और बताया कि उनके मोबाइल नंबर से ई-चालान आया था। इस पर रमेश ने बताया कि उनके पास इसी तरह का ई-चालान वॉट्सऐप के जरिए आया था। इसे ओपन करते ही उनके बैंक खाते से करीब 5 लाख रुपए निकल चुके हैं। यह मैसेज उसने नहीं भेजा है। मोबाइल हैक करने वाले ने ही भेजा था। फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। एपीके वाले ई-चालान से ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं।
साइबर क्राइम में साइबर फिशिंग लोगों को ठगने का एक टूल है। यह हैकिंग के लिए इस्तेमाल होता है। फिशिंग के तहत साइबर ठग एक हैकिंग लिंक जनरेट करते हैं, जिसे मैसेज, लिंक, फोटो, वीडियो आदि के रूप में किसी के मोबाइल में भेजा जाता है। जैसे इसे कोई ओपन करता है, तो उसके मोबाइल या कंप्यूटर का एक्सेस साइबर ठग को मिल जाता है।
मोबाइल-कंप्यूटर की हर चीज को साइबर ठग देखता है। कॉन्टेक्ट, फोटो, वीडियो, मैसेज आदि सबकुछ उसके कंट्रोल में आ जाता है। उस मोबाइल नंबर से वह किसी दूसरे के मोबाइल नंबर पर मैसेज, फोटो-वीडियो भेज सकता है।
Published on:
29 Dec 2025 08:05 am
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