Godavari Power Plant Accident: धरसींवा गोदावरी पॉवर प्लांट में पेलेट यूनिट हादसा, 8 से अधिक मजदूर दबे। प्रशासन और पुलिस मौके पर तैनात, घायल मजदूरों का इलाज जारी।
Godavari Power Plant Accident: धरसींवा इलाके में गोदावरी पॉवर एंड इस्पात प्लांट में बड़ा हादसा हो गया। प्लांट के पेलेट यूनिट के ठंडा हुए बिना उसमें लोहे का मलबा हटवाया जा रहा था। इस दौरान मशीन का हॉफर गिर गया। इससे लोहे के मलबे में कई मजदूर दब गए। 8 से अधिक मजदूरों की मौत होने की खबर है। पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। 6 मृतकों की ही पहचान हो पाई है।
घटना शुक्रवार को करीब 3 बजे की है। इसकी सूचना मिलने पर मजदूरों के परिजन फैक्ट्री पहुंचे, तो प्रबंधन ने सभी को बाहर ही रोक दिया। किसी को भीतर जाने नहीं दिया गया। यहां बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के मजदूर भी काम कर रहे थे। बताया जाता है कि उनकी भी मौत हो गई है। घटना में फैक्ट्री प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। देर रात तक मलबा हटाने का काम चलता रहा। मृतकों की पहचान भी नहीं हो पाई है। फैक्ट्री के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है।
अधिकारी मौके पर तैनात: घटना की सूचना बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची। पुलिस के अलावा जिला प्रशासन की ओर से एडीएम उमाशंकर बंदे व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना के बाद धरसींवा थाने में मर्ग कायम किया है। कंपनी प्रबंधन के खिलाफ पुलिस कोई मामला दर्ज नहीं किया है।
गोदावरी हादसे में घायल 5 लोगों का इलाज देवेंद्रनगर स्थित श्री नारायणा अस्पताल में चल रहा है। कुछ लोग मामूली रूप से झुलसे हुए हैं। डॉक्टरों के अनुसार, ये खतरे से बाहर हैं। इलाज के बाद ये स्वस्थ हो जाएंगे। मामूली चोट वाले एक मरीज को मरहम पट्टी के बाद छुट्टी भी दे दी गई है। 47 वर्षीय पवन कुमार के ऊपर गर्म स्लैब गिरा है। वे बाल-बाल बच गए। इनके दाएं घुटने व एल्बो झुलस गया है।
35 वर्षीय जयप्रकाश वर्मा के पैरों में सूजन है। 38 वर्षीय दिपेंदु का पैर व दायां हाथ झुलसा है। यह 3.5 फीसदी झुलसा है। 25 वर्षीय मंतू यादव साढ़े 6 फीसदी झुलस गया है। उसका पीठ व पैर झुलसा है। 5 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया। इनमें निरंकार मलिक, नारायण, घनश्याम, तुलसीराम भर व प्रसन्न कुमार शामिल हैं। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुनील खेमका के अनुसार मरीजों की हालत खतरे से बाहर है। झुलसे हुए मरीजों को बर्न यूनिट में रखा गया है। मामूली चोट वाले मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
घटना का मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान लिया और तत्काल प्रशासन को घायलों के इलाज की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, यह अत्यंत दु:खद और पीड़ादायक घटना है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की।
Godavari Power Plant Accident: गोदावरी पावर एंड स्टील प्लांट में हुआ हादसा जल्दबाजी के चलते हुआ है। कर्मचारियों के मुताबिक दो दिन पहले पेलेट प्लांट को शटडाउन किया था। इसके बावजूद इसकी सफाई के लिए मजदूरों को लगा दिया गया। इससे हॉफर गिर गया और 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जाता है कि शटडाउन के बाद कम से कम एक सप्ताह तक उसे ठंडा होने दिया जाता है।
इसके बाद उसकी मशीनों में जमे मटेरियल को साफ किया जाता है, लेकिन उत्पादन की जल्दबाजी की चलते ऐसा होने नहीं दिया गया। घायल मजदूरों ने बताया कि दोपहर में रोज की तरह काम कर रहे थे। इस बीच इंजीनियर मुत्तू यादव के साथ अन्य मजदूरों को पेलेट प्लांट में भेजकर सफाई करने कहा। मौके पर पहुंचकर सफाई से पहले जांच की जा रही थी। इस दौरान अचानक हॉफर गिर गया। उसके साथ पिघला लोहा व जमा गर्म रॉ मटेरियल भी इंजीनियर और मजदूरों पर गिर गया। इससे कई लोग दब गए।
Godavari Power Plant Accident: घटना में जिन मजदूरों की मौत हुई है, वो बुरी तरह झुलस गए थे। कुछ की तो चमडिय़ां जलने के बाद हड्डियां तक नजर आ रही थी। इससे स्पष्ट है कि पेलेट यूनिट ठंडा नहीं हुआ था। इसके बावजूद मजदूरों से काम लिया जा रहा था। बताया जाता है कि यूनिट के ठंडा होते ही रॉ मटेरियल, जमी सिल्ली आदि आसानी से नीचे गिर जाते हैं। इसे बाद में साफ कर लिया जाता है। कंपनी उत्पादन ज्यादा दिन तक रोकना नहीं चाहती थी। इसके चलते पेलेट यूनिट को पूरी तरह ठंडा होने नहीं दिया गया। इसके चलते मजदूरों की मौत हो गई।
मुआवजा भी नहीं दिया: घटना में 6 मजदूरों की मौत की पुष्टि की है। 6 अन्य बुरी तरह से घायल हैं। इनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है। कंपनी प्रबंधन ने मृतकों और घायलों के लिए कोई मुआवजा तय नहीं किया है। जिला प्रशासन की ओर से भी कोई घोषणा नहीं की गई है।