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गोदावरी इस्पात में हादसा! औद्योगिक सुरक्षा की अनदेखी ने 13 महीने में 40 लोगों की ली जानें, फैक्ट्री बाहर भीड़ और पुलिस जुटी..

CG News: रायपुर में हीरा ग्रुप के गोदावरी पावर एवं इस्पात फैक्ट्री के हादसे ने प्रदेश के औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।

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औद्योगिक सुरक्षा की अनदेखी ने 13 महीने में 40 लोगों की ली जानें(photo-patrika)

औद्योगिक सुरक्षा की अनदेखी ने 13 महीने में 40 लोगों की ली जानें(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में हीरा ग्रुप के गोदावरी पावर एवं इस्पात फैक्ट्री के हादसे ने प्रदेश के औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। इसके साथ ही उन विभागों पर भी सवाल खड़ा किया है, जिनकी जिम्मेदारी उद्योगों में लगातार निगरानी, निरीक्षण और खामियों को उजागर करने के बाद कार्रवाई की होती है। सुरक्षा मानकों के उल्लंघन में उद्योगों में कार्रवाई पर गौर करें तो जिम्मेदारी विभागों ने कई वर्षों से एक भी बड़ी कार्रवाई नहीं की है।

CG News: फैक्ट्रियों की स्थिति गंभीर

छत्तीसगढ़ में 13 महीनों के भीतर 171 औद्योगिक हादसों में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह संख्या प्रदेश के कारखानों में औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था की कलई खोलती है। लगातार हादसों के बाद भी फैक्ट्रियों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। अप्रैल 2025 में जांजगीर-चांपा स्थित प्रकाश इंडस्ट्रीज में हादसे में 13 मजदूर घायल हो गए। सरगुजा स्थित मां कुदरगढ़ी एलुमिना में सितंबर 2024 को हुए हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई थी।

25 साल में हीरा ग्रुप ने कई कंपनियां खड़ी की

गोदावरी पावर एंड इस्पात हीरा ग्रुप की एक इकाई है। हीरा ग्रुप की अन्य इकाइयां प्रदेश में कार्यरत हैं, जिसमें सोलर पावर, स्पंज आयरन आदि शामिल हैं। 25 साल के भीतर हीरा ग्रुप ने प्रदेश में कई कंपनियों का विस्तार किया है, जिसमें विदेशों में भी निवेश शामिल हैं।

बेमेतरा बारूद फैक्ट्री का हादसा भूला नहीं

बेमेतरा के पिरदा गांव स्थित बारूद फैक्ट्री में हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई थी। 25 मई 2024 को हादसा इतना दर्दनाक था कि पहचान साबित करने के लिए शवों के टुकड़ों का डीएनए टेस्ट कराना पड़ा। यहां कई दिनों तक स्थानीय प्रशासन को जनाक्रोश का सामना करना पड़ा था।

कांग्रेस ने बनाई जांच कमेटी

गोदावनी इस्पात संयंत्र में हुए हादसे की जांच के लिए कांग्रेस ने छह सदस्यी जांच कमेटी गठित की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर इसका अध्यक्ष पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू को बनाया गया है। इसमें पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक अनिता शर्मा, पीसीसी महामंत्री दीपक मिश्रा, बिरगांव के महापौर नंदलाल देवांगन और ग्रामीण अध्यक्ष उधोराम वर्मा को सदस्य बनाया गया।

घटना के हर पहलू की हो जांच: महंत

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस हादसे पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। ईश्वर उन्हें यह असहनीय पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें। शासन-प्रशासन हर पहलू की जांच करें एवं मृतक परिवारों को आर्थिक मदद जल्द से जल्द पहुंचाए।

50 लाख का मुआवजा की मांग

प्रदेश कांग्रेस असंगठित क्षेत्र समस्या निवारण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक़ ने मांग की है कि मृतकों के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए, यदि सरकार हमारी मांगों को अनदेखा करती है, तो हमें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

गोदावरी इस्पात में मजदूरों की मौत की घटना दुखद है। घटना की जानकारी मिलते ही श्रम एवं औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को बचाव कार्य के निर्देश दिए गए हैं।

शवों को लाया गया अस्पताल

  1. श्रम विभाग: फैक्ट्री अधिनियम (श्रम कानूनों का पालन करवाने के लिए) के तहत मानकों का पालन।
  2. कारखाना एवं बायलर- फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की निगरानी के लिए।
  3. पर्यावरण संरक्षण मंडल- उद्योगों की चिमनियों की निगरानी, हवा,पानी, शोर की जांच।
  4. औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा-खतरनाक रसायन,गैस, विस्फोट आदि की जांच, फैैक्ट्रियों की अधोसंरचना आदि।
  5. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण- उद्योगों में हादसों को रोकने सुरक्षा व्यवस्था की जांच।