Leader Opposition Controversy: कांग्रेस ने आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया, लेकिन पांच पार्षदों ने फैसले का विरोध कर बगावत कर दी।
Leader Opposition Controversy: कांग्रेस पार्टी द्वारा आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया गया है। परंतु एक बार फिर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को लेकर मामला और उलझ गया है। कांग्रेस पार्टी के फोरम पर अपना इस्तीफा वापस लेने वाले कांग्रेस के पांच पार्षदों ने पार्टी निर्णय को चुनौती देते हुए बगावत कर दी है।
मंगलवार को सभापति सूर्यकांत राठौर ने इन पांच कांग्रेस पार्षदों की राय जानने के लिए बुलाया था तो उनके सामने पांचों पार्षदों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा तय आकाश तिवारी को समर्थन देने से इनकार कर दिया। अब अनुशासनहीनता पर कांग्रेस पार्टी किस तरह का फैसला लेगी, यह स्थिति स्पष्ट होना बाकी है।
दरअसल, इस बार के नगर निगम चुनाव में 70 वार्डों में से केवल 7 कांग्रेस पार्षद जीते। निगम में कांग्रेस सत्ता के दौरान एमआईसी सदस्य रहे आकाश तिवारी ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरे और पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड 34 से 1200 से अधिक वोटों चुनाव जीत गए। इसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल कर लिया गया।
मार्च के आखिरी सप्ताह में जब बजट सामान्य सभा होने वाली थी, तब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी किए बिना ही शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गिरीश दुबे ने पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पार्षद संदीप साहू के नाम का पत्र नगर निगम में भेज दिया था। उसी आधार पर सभापति सूर्यकांत राठौर ने संदीप को मान्यता दे दी।
इसके महीनेभर बाद हाईकमान की सहमति पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगमों में नेता प्रतिपक्ष के नामों की घोषणा की और रायपुर नगर निगम का नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी को बनाया गया। अभी भी मौदहापारा से कांग्रेस पार्षद मुंसीर और पूर्व महापौर एजाज ढेबर की पार्षद पत्नी पार्टी निर्णय के साथ हैं।
Leader Opposition Controversy: सभापति सूर्यकांत राठौर का कहना है कि नगर निगम में पार्टी द्वारा अधिकृत पार्षद को ही नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता देने की परंपरा है। चूंकि कांग्रेस के पांच पार्षदों संदीप साहू जयश्री नायक, रोनिता जगत, दीपमणि साहू और रेणु साहू ने विरोध दर्ज कराया था। इसलिए उनकी राय जानने के लिए बुलाया गया था। पांचों ने आकाश तिवारी को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। ऐसी स्थिति पहली बार निर्मित हुई है, जब पार्टी के निर्णय के विपरीत पार्षद विरोध कर रहे हैं। ऐसे में जानकारों से राय लेने के बाद ही अंतिम फैसला किया जाएगा।
संदीप साहू, कांग्रेस पार्षद: मैं कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं। कांग्रेस पार्षदों की सहमति पर मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। आकाश तिवारी के नाम पर पार्टी स्तर पर पार्षदों से किसी तरह की सहमति नहीं ली गई है।
मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश संगठन महामंत्री, कांग्रेस: निगम सभापति के समक्ष कांग्रेस के पांच पार्षदों की राय मामले में पार्टी स्तर पर विस्तार चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया पर निर्णय लिया जाएगा।