Patrika Raksha Kavach Abhiyan: स्कूल के विद्यार्थियों ने साइबर क्राइम को लेकर कई सवाल किए, जिनका एएसआई शुक्ला ने जवाब दिए। उन्होंने यूपीआई फ्रॉड को एक उदाहरण देकर समझाया।
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: बढ़ते साइबर क्राइम को लेकर जागरुकता बढ़ाने पत्रिका रक्षा कवच अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत संतोषी नगर के वर्धमान द स्कूल में साइबर क्राइम जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें स्टूडेंट्स ने साइबर क्राइम, ऑनलाइन ठगी और सोशल मीडिया से जुड़े अपराध और उसके बचाव के बारे में जाना।
इस दौरान रेंज साइबर थाना प्रभारी और स्टाफ से साइबर ठगी और सोशल मीडिया के खतरों को लेकर कई सवाल किए। पुलिस वालों ने उन्हें अलग-अलग उदाहरण देकर साइबर क्राइम के बारे में बताया। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुय अतिथि के तौर पर रेंज साइबर थाना के टीआई मनोज नायक उपस्थित थे। उनके साथ एएसआई प्रवीण शुक्ला भी थे। इसके अलावा पत्रिका के स्थानीय संपादक प्रदीप जोशी, स्कूल संचालक विजय चोपड़ा, प्राचार्य कामिनी लांजे, शिक्षकगण और अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
स्कूल के विद्यार्थियों ने साइबर क्राइम को लेकर कई सवाल किए, जिनका एएसआई शुक्ला ने जवाब दिए। उन्होंने यूपीआई फ्रॉड को एक उदाहरण देकर समझाया। इस बीच एक छात्रा ने पूछा कि एप डाउन लोड करते समय कई परमिशन मांगे जाते हैं, क्या करें?
इसका जवाब देते हुए एएसआई शुक्ला ने बताया कि गूगल से वेरिफाई ऐप डाउनलोड करने, जरूरी परमिशन ही देने कहा। एपीके फाइल डाउनलोड नहीं करने कहा। एक छात्रा ने पूछा कि साइबर क्राइम होने पर शिकायत कहां करें? उन्हें बताया गया कि इमरजेंसी टोल फ्री नंबर 1930 में कॉल करें। इसके अलावा नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल में ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं।
सोशल मीडिया रिलेटेड क्राइम
डिजिटल अरेस्ट
शेयर ट्रेडिंग
साइबर ग्रुमिंग
जूस जैकिंग
ईमेल आईडी, पासवर्ड
यूपीआई फ्रॉड
असली-फ्रॉड करने वाली वेबसाइट की पहचान
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए टीआई नायक ने बताया कि जो भी एंड्रायड मोबाइल उपयोग करते हैं, उनका ईमेल आईडी भी होता है। इसका पासवर्ड स्ट्रांग रखना चाहिए। कमजोर पासवर्ड को साइबर क्रिमनल आसानी से पता कर लेते हैं। इसके बाद ईमेल आईडी का एक्सेस लेकर कई तरह के डेटा ले लेते हैं।
सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा इंस्टाग्राम के जरिए साइबर ठगी की जा रही है। इसमें लाइक, सब्सक्राइबर बढ़ाने, जॉब आदि का झांसा वाले मैसेज भेजते हैं। ऐसे मैसेज को इग्नोर करना है। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट और सोशल मीडिया से जुड़े क्राइम के बारे में भी बच्चों को बताया। मोबाइल का सावधानी से इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी दी।