14 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म मामले में अदालत ने जल्दी सुनवाई करते हुए महज 16 दिन में फैसला सुनाया। यह घटना मार्च 2025 में शुरू हुई थी। जब पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई तो वह महज 13 साल 10 माह की थी।
MP News: मध्य प्रदेश के जरुरी खबर सामने आई है। ब्यावरा क्षेत्र के करनवास में 14 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म मामले में अदालत ने महज 16 दिन में फैसला सुनाया। कम समय में न्याय का प्रदेश का यह तीसरा मामला बताया जा रहा है। ब्यावरा एडीजे रजनी प्रकाश बाथम की अदालत ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म व धमकी देने की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी गोवर्धन (62) पुत्र रामलाल जाटव निवासी देवलखेड़ा को उम्रकैद और 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासन की ओर से पैरवी करने वालीं एडीपीओ डोली गुप्ता के अनुसार घटना मार्च 2025 में शुरू हुई थी। 18 अगस्त 2025 को पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई। तब वह 13 साल 10 माह की थी। पिता की मौत के बाद पढ़ाई के साथ-साथ घरेलू कामकाज भी संभालती थी। पास के जंगल में बकरियां चराने जाती थी। पीड़िता के साथ ही गोवर्धन जाटव भी बकरी चराने जाता था। मार्च में जब पीड़िता जंगल में नाले के पास अकेली थी, तब आरोपी ने दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपी ने पीड़िता के भाई को जान से मारने की धमकी दी। इसी के चलते आरोपी कई बार पीड़िता के साथ ज्यादती करता रहा।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब रक्षाबंधन पर पीड़िता की बुआ घर आईं। बुआ के गौर करने पर उन्हें पीड़िता का पेट असामान्य दिखा। जांच कराने पर पता चला कि वह गर्भवती है। जिसके बाद बुआ ने पीड़िता से सख्ती से पूछताछ की। कई बार कहने पर पीड़िता ने बुआ को सारी बातें बता दी। इसके बाद परिजन ने थाने में एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रकरण दर्ज किया और जांच पूरी कर केस डायरी अदालत में पेश कर दी। कोर्ट में सुनवाई 24 नवंबर से शुरू हुई थी। इंदौर हाईकोर्ट की अनुमति पर पीड़िता का गर्भपात भी कराया गया था। अब इस मामले में पीड़िता को न्याय मिल गया है। आरोपी को उम्रकैद की साजसना दी गई है।