MP News: पति की पिटाई से परेशान युवती ससुराल नहीं जा रही थी; झगड़ा पंचायत का फरमान—दूसरी शादी करो तो 14 लाख देना होगा।
राजेश विश्वकर्मा, राजगढ़
MP News: मध्यप्रदेश के आखिरी छोर और राजस्थान सीमा से लगे राजगढ़ जिले में कुरीति का दंश सिर्फ बाल विवाह तक ही सीमित नहीं है। इसकी आग नातरा–झगड़ा पंचायत तक फैल चुकी है। इसकी आंच में अभी भी कई परिवार झुलस रहे हैं, जो इससे उबर नहीं पाए हैं। ताजा मामला 14 लाख का झगड़ा नहीं देने पर किसान की उपज में आग लगाने का है। जिस व्यक्ति के खेत में आग लगाई गई है, उसकी बेटी की शादी करीब 4 साल पहले राजस्थान के पाटल्या गांव (थाना भालता, जिला झालावाड़) के रहने वाले युवक से हुई थी। लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही पति के मारपीट करने के कारण युवती मायके आ गई थी और यहीं रह रही है।
खेत में आग लगाने से पहले आरोपियों ने दो चिट्ठियां छोड़ीं—एक लड़की के पिता को और दूसरी गांव के एक अन्य व्यक्ति को। पिता को दी गई चिट्ठी में लिखा था कि “आपने 14 लाख नहीं दिए, इसलिए फसल में नुकसान करेंगे, आग लगाएंगे।” इसके बाद आरोपियों ने खेत में रखी मक्का की कड़प (मक्के के भुट्टे वाला चारा) में आग लगा दी। करीब दो ट्रॉली कड़प जला दी गई। माचलपुर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बनेसिंह वर्मा निवासी गोघटपुर की रिपोर्ट पर मोतीलाल वर्मा निवासी पाटल्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी और उसके साथियों ने गोघटपुर में रहने वाले रामबाबू वर्मा के खेत पर रखी मक्का की कड़प में आग लगाई।
जानकारी के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम से पहले दोनों पक्षों में सुलह हुई थी, जिसमें शादी के दौरान बने सोने–चांदी के जेवरों की लेनदेन हो गई थी। साथ ही मामला थाने तक पहुंचने से पहले एक झगड़ा पंचायत भी बैठाई गई थी। इसमें तय हुआ था कि चूंकि लड़की ससुराल नहीं जा रही है, इसलिए जब वह दूसरी शादी करेगी तो 14 लाख रुपये “झगड़ा” के रूप में देने होंगे। कहा जाता है कि झगड़ा पंचायत में यह लिखापढ़ी भी हुई थी और कुछ लोगों के हस्ताक्षर भी थे।
जानकारी के अनुसार, फरियादी की बेटी की शादी करीब चार साल पहले राजस्थान के पाटल्या गांव (थाना भालता, जिला झालावाड़) के युवक से हुई थी। शादी के बाद पता चला कि वह बेटी के साथ मारपीट करता था और एक बार तो उसे गांव से भगा दिया था। इसी कारण लड़की वहां वापस नहीं जाना चाहती थी और परिजन भी भेजना नहीं चाहते थे। यहीं से विवाद शुरू हुआ और झगड़ा पंचायत बैठाई गई। इसके बाद 14 लाख रुपये की राशि “झगड़ा” के तौर पर तय की गई। फरियादी का कहना है—"जब बेटी के साथ मारपीट हो रही थी तो हम उसे कैसे भेजते?" वहीं आरोपी पक्ष ने चिट्ठी लिखकर झगड़े के पैसों का भारी दबाव बनाया था।