Rajgarh- एमपी में बीजों के नाम पर किसानों से खुलेआम धोखाधड़ी की गई है। उन्हें घटिया बीज दिए गए हैं।
Rajgarh- एमपी में बीजों के नाम पर किसानों से खुलेआम धोखाधड़ी की गई है। उन्हें घटिया बीज दिए गए हैं। राजगढ़ जिले में तो सरकारी बीज निगम के भी कई सैंपल फेल हो गए हैं। खरीफ की बोवनी के दौरान सामने आए अमानक खाद बीजों के मामले में कृषि विभाग निजी दुकानदारों पर मेहरबानी दिखा रहा है। वहीं, सरकारी बीज निगम के जो सैम्पल फैल हुए हैं उनमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे ही मामले में पडो़सी जिले रायसेन और विदिशा में बाकायदा एफआइआर दर्ज की गई, लेकिन राजगढ़ में विभाग को किसी का खौफ नहीं है, न ही किसी का अंकुश इस तरह की गड़बड़ियों पर है। जिन किसानों के बीज अमानक निकले उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। कृषि विभाग कार्रवाई के नाम पर लाइसेंस रद्द कर रहा पर अफसरों ने एफआइआर नहीं कराई है।
राजगढ़ में कृषि विभाग की ही रिपोर्ट के अनुसार खरीफ बीज के 13 सैंपल अमानक मिले थे। इनमें से 10 निजी विक्रेता थे, जिनमें से नौ का बीज विक्रय लाइसेंस निलंबित किया गया। एक ब्यावरा का मप्र किसान कृषि भंडार का लाइसेंस भी निरस्त किया गया। तीन सैंपल बीज निगम के भी अमानक सामने आए, जिसके तहत महज वहां का भुगतान कृषि विभाग ने रोका है, अन्य आगे की कार्रवाई विभागीय स्तर पर फिलहाल नहीं हो पाई है।
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इसके अलावा पांच सहकारी समितियों से दिए गए खाद का नमूने भी फैल हुए हैं। यानि वहां से दिया गया खाद भी अमानक स्तर का निकला है। इस पर संबंधित सहकारी समितियों का लाइसेंस निरस्त किया गया है। हालांकि इस खानापूर्ति वाली औपचारिक कार्रवाई से कृषि विभाग की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार निजी दुकानदारों पर इतनी मेहरबानी क्यों दिखाई जा रही है?
जानकारी के अनुसार इस बार के खरीफ सीजन के दौरान सामने आए अमानक खाद और अमानक बीज के मामले में पड़ोसी जिलों विदिशा और रायसेन में एफआइआर हो चुकी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर ये कार्रवाइयां की गईं थी।
रायसेन के सलामतपुर में बड़े स्तर पर अमानक खाद मिला था। इस मामले में ट्रांसपोर्टर, ड्राइवर, सप्लायर, दुकानदार सहित अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। केंद्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर विदिशा में अमानक बीज मिलने पर विदिशा, गंजबासौदा सहित अन्य जगह दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त किए और एफआइआर भी दर्ज की गई थी। अभी अन्य सैम्पलों की रिपोर्ट भी आना शेष है।
राजगढ़ कृषि विभाग के उप-संचालक सचिन जैन सफाई देते हैं कि यहां अमानक का स्तर इतना ज्यादा नहीं है कि एफआइआर कराना पड़े। एक कंपनी के सैम्पल ज्यादा थे तो उन्होंने किसानों को राहत राशि दी थी। एचपीएम कंपनी का वह मामला था। खाद के मामले में भी संस्थाओं को नोटिस जारी किया है। दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए और बीज निगम के भुगतान पर रोक लगाई गई है।