Swine Flu: राजनांदगांव जिले में स्वाइन फ्लू से अब तक पांच मौत हो चुकी है। इसके साथ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है, लेकिन इसके जांच को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अफसर गंभीरता नहीं दिखा रहे।
Swine Flu: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्वाइन फ्लू से अब तक पांच मौत हो चुकी है। इसके साथ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है, लेकिन इसके जांच को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अफसर गंभीरता नहीं दिखा रहे। इस वजह से स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए जा रहे सैंपल की जांच रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में कराना पड़ रहा। इसके लिए सौ किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। इस वजह से रिपोर्ट आने में देरी और परिवहन में राशि भी खर्च हो रही है।
Swine Flu: राजनांदगांव जिले के घुमका, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, छुरिया क्षेत्र के विभिन्न गांवों में स्वाइन फ्लू के अब तक 21 से मरीज मिल चुके हैं। इनमें से पांच की मौत भी हो की है। कुछ का इलाज जारी है। बाकी स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं। मिली जानकारी अनुसार 21 सितंबर को फिर से 5 मरीज सामने आए थे, जो मगरलोटा और अचानकपुर भांठागांव के रहवासी बताए गए हैं।
Swine Flu: मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उनके पास किट की कमी है, जिला अस्पताल या फिर सीएमएचओ कार्यालय से उन्हें आरटीपीसीआर किट मिलता है, तो वे सैंपल की स्वाइन फ्लू जांच करवा देंगे। यह बात स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को भी बता दिया गया है।
हमने निवेदन किया था, लेकिन मैन पावर और किट नहीं होने के कारण यहां के सैंपल की जांच करने से मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने स्वाइन फ्लू जांच से मना कर दिया। इस वजह से यहां के सैंपल को एम्स भेजा जाता है, वहां से रिपोर्ट आती है। इस वजह से रिपोर्ट आने में थोड़ी देरी होती है। इंतजार करते हैं।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आने वाले मरीजों में यदि लक्षण पाया जाता है, तो उनका स्वाइन फ्लू जांच किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए सैंपल की जांच के लिए हमारे पास पर्याप्त आरटीपीसीआर किट नहीं है। इस वजह से जांच संभव नहीं है। किट की उपलब्धता के लिए प्रयास किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि उनके द्वारा लिए सैंपल को पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किट व मैन पावर की कमी होने की बात कहते हुए जांच नहीं करते। मजबूरन उन्हें सैंपल को रायपुर एम्स भेजना पड़ता है। वहां सैंपल भेजन के एक दिन बाद जांच रिपोर्ट आती है, जबकि यहां से उसी दिन रिपोर्ट का पता चल जाएगा। देरी होने के कारण वायरस तेजी से फैल रहा है।