
CG Bear Attack: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भालुओं का आंतक बढ़ता ही जा रहा है। भालू रोजाना रहवासी इलाको में घुस आते हैं और घरों में रखे सामान के साथ ग्रामीणो का नुकसान पहुंचाते हैं। वन अमला भालुओं को रहवासी इलाकों से खदेड़ने में नाकाम रहा है। कांकेर में बीते दिनों दो जगहों ग्राम टहकापार और गोवर्धन में युवको पर हमला कर दिया। हमले में टहकापार के युवक की मौके पर मौत हो गई। वहीं, गोवर्धन में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां उसका इलाज जारी है।
CG Bear Attack: मिली जानकारी के अनुसार, हल्बा चौंकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम टंहकापार निवासी दिनूराम पटेल ने पुलिस को बताया कि वह अपने बेटे टिंकेश्वर पटेल (24) के साथ गांव की बस्ती में कच्चे मकान के अंदर रहते थे। उनका कच्चा मकान बारिश के चलते गिरने की कगार पर आ गया था। मरम्मत नहीं हो पा रही थी, इसलिए ग्राम सरपंच ने उनके रहने के लिए गांव में स्कूल का अतिरिक्त भवन मुहैया कराया। रात में वे लोग वहां सोने जाते थे। उनका खाना पुराने घर में ही बनता था। 14 सितंबर की रात खाना खाने के बाद दोनों सोने के लिए स्कूल भवन गए थे।
रात करीब 9 बजे उसका बेटा टिंकेश्वर पटेल यह कह कर निकला कि वह अपने दोस्तों के साथ पड़ोस के गांव में गणेश पंडाल देखने के लिए जा रहा है। उसके बेटे ने सोचा कि रात में ठंड लगेगी तो वह अपना स्वेटर लेने के लिए पुराने घर चला गया। यहां घर की बाड़ी की झाड़ियों में मादा भालू अपने शावकों के साथ छिपी थी। उसने अचानक युवक पर हमला कर दिया। अपने पंजों से उसके चेहरे को इतना नोख कि आंखें बाहर निकल आई। शरीर के दूसरे हिस्से भी निकल आए थे। युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
बेटा आधी रात तक नहीं लौटा तो पिता को लगा कि वह अपने दोस्तों के साथ कहीं रूक गया होगा। दूसरे दिन भी काफी देर बाद युवक घर नहीं लौटा, तो पिता ने दोस्तों से खोजखबर ली। उन्होंने बताया कि रात में वह उनके साथ जाने वाला था, लेकिन काफी समय तक आया नहीं। बहुत देर इंतजार करने के बाद वे गणेश देखने निकल गए थे। अब पिता घबराया। गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर गली-गली बेटे को खोजने लगा। तलाशी करते हुए जब अपने घर पहुंचा तो यहां बाड़ी में बेटे की लाश बिछी देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
उसके साथ मौजूद लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। इधर, घटना की सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जांच में टीम को यहां भालू के बाल और पंजों के निशान मिले। इससे यह स्पष्ट है कि युवक की मौत भालू के हमले से हुई। वन विभाग ने मृतक के पिता को मुआवजे के रूप में कुछ पैसे फिलहाल मुहैया करवाए हैं।
कांकेर शहर और आसपास के इलाको में भालुओं का आना-जाना लगा रहता है। अलग-अलग इलाकों में भालुओं द्वारा आतंक मचाने की खबरें लगभग हर दिन सामने आ रहीं हैं। कभी भालू दरवाजा तोड़ घर में घुस आते है, तो कभी होटलों के किचन में उत्पात मचाते हैं। गणेश पंडालों को भी नहीं छोड़ रहे। ऐसे में कांकेरवासी भालुओं के आंतक से परेशान है। उन्हें भालुओं से स्थायी छुटकारे की दरकार है। माना जा सकता है कि वन विभाग की टीम जंगली जानवारो को रहवासी इलाको से खदेडने में पूरी तरह नाकाम रही है। लोगों का कहना है कि वन विभाग ने अब तक इस दिशा में कोई कारगर कदम ही नहीं उठाया है। जानवर रोज भोजन की तलाश में रहवासी इलाको में आ रहे हैं।
दूसरी घटना टकहापारा से 10 किमी दूर गोवर्धन गांव की है। यहां भी मादा भालू थी, जिसने अपने 2 शावकों के साथ एक युवक को घेरा और उस पर हमला कर दिया। घटना सोमवार की है। छबिलाल उईके खेत जा रहा था। रास्ते में तीन भालुओं ने घेरकर उस पर हमला कर दिया। शोर-शराबे से वे भाग तो गए, लेकिन काफी देर तक वह वहीं पड़ा रहा। बचाने की आवाजें लगाई। किसी को न आता देखकर किसी तरह खेत की लारी तक पहुंचा। उसके चाचा घासीराम इसी दौरान अपने खेत में कीटनाशकों का छिड़काव करने जा रहे थे। किसी तरह उनकी नजर छबिलाल पर पड़ी और वे उसे अपने ट्रैक्टर पर लादकर फौरन घर ले गया। यहां से कार में बिठाकर सीधे कांकेर जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि छबिलाल चेहरे और पेट पर गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल वह खतरे से बाहर है।
Published on:
17 Sept 2024 02:50 pm
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